जानें सर्वाधिक धान उत्पादक राज्य कौन-सा है और धान का कटोरा किस राज्य को कहा जाता है

By: MeriKheti
Published on: 29-Jan-2023

भारत में उत्पादित किए जाने वाले बासमती चावल की विश्वभर में मांग है। भारत सरकार द्वारा चावल की विभिन्न किस्मों को जीआई टैग प्रदान किया जा चुका है। देश में पश्चिम बंगाल धान उत्पादन के मामले में अपनी अलग पहचान रखता है। पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक धान का उत्पादन किया जाता है। भारत की अधिकाँश जनसँख्या कृषि पर निर्भर रहती है। इसलिए भारत को कृषि प्रधान देश भी कहा जाता है। यदि हम प्रतिशत के आंकड़ों के अनुसार देखें तो देश की लगभग 60 प्रतिशत जनसँख्या अपने जीवन यापन के लिए प्रत्यक्ष रूप से खेती-किसानी से संबंधित है।

धान का कटोरा

भारत में विभिन्न तरह की फसलों का उत्पादन किया जाता है। जो देश के साथ-साथ विश्वभर की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में अपना अहम योगदान दे रही हैं। भारत में गेहूं एवं चावल का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। वर्तमान, सीजन रबी फसलों का है, जिसके अंतर्गत गेहूं का उत्पादन किया जाता है। इसके उपरांत खरीफ सीजन की प्रमुख खाद्य फसल धान का उत्पादन किया जाएगा। किसान भाई जिसकी बुवाई मई-जून माह के मध्य में करेंगे। अगर हम वैश्विक धान उत्पादन की बात करें तो चीन के उपरांत दूसरा स्थान भारत का ही होता है। देश में उत्पादित किए जाने वाले बासमती चावल की विश्वभर में मांग है। विशेष रूप से अमेरिका यूनाइटेड किंगडम एवं हाल ही में खाड़ी देशों के अंदर बासमती धान की की बेहद मांग देखने को मिल रही है। आपको बतादें, कि भारत में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक चावल का उत्पादन किया जाती है। केवल भारत के अंदर ही धान की विभिन्न किस्मों का उत्पादन किया जाता है। भारत में पश्चिम बंगाल को सर्वाधिक धान उत्पादक का स्थान प्राप्त हुआ है। परंतु, आश्चर्य की बात यह है, कि आज भी छत्तीसगढ़ राज्य ने 'धान का कटोरा' नाम से विश्वभर में अपनी अलग पहचान स्थापित है। ये भी देखें: धान की किस्म कावेरी 468 की पूरी जानकारी इसमें कोई मिथक वाली बात नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह है। हालाँकि, छत्तीसगढ़ चावल का सर्वाधिक उत्पादक राज्य नहीं है। परंतु, इस प्रदेश की एक बेहद खासियत यह भी है, कि जिसके चलते धान पैदावार के मामले में पश्चिम बंगाल से अधिक नाम छत्तीसगढ़ का हुआ है।

धान के सर्वश्रेष्ठ 10 उत्पादक राज्यों के बारे में जानें

दरअसल, भारत में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश के प्रत्येक कोने में धान का उत्पादन किया जाता है। यह फसल उन स्थानों के लिए बेहद अनुकूल है जहां इस फसल हेतु पर्याप्त जल उपलब्ध हो। क्योंकि चावल के उत्पादन में जल की अत्यधिक आवश्यकता पड़ती है। अब हम आपको बताने जा रहे हैं, इसके प्रमुख उत्पादक राज्यों के विषय में जिसके अंतर्गत प्रथम स्थान पर पश्चिम बंगाल है। दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश है, यहां बड़े स्तर पर धान का उत्पादन किया जाता है। तीसरे स्थान पंजाब राज्य का है, जहां के किसान रबी सीजन में अधिकाँश धान का उत्पादन किया करते हैं। चौथे स्थान पर आंध्र प्रदेश, पांचवे पर उड़ीसा, छठे स्थान पर तेलंगाना, सातवें स्थान पर तमिलनाडु, आठवें स्थान पर छत्तीसगढ़, नौंवे स्थान पर बिहार एवं दसवें स्थान पर असम है। उपरोक्त समस्त राज्यों की मृदा एवं जलवायु धान के उत्पादन हेतु सबसे ज्यादा अनुकूल है। यही वजह है, कि इन राज्यों के किसान न्यूनतम एक सीजन में तो धान की फसल का उत्पादन तो करते ही हैं।

गोबर के जरिए छत्तीसगढ़ ने स्थापित की अपनी अलग पहचान

विगत बहुत सदियों से छत्तीसगढ़ राज्य मात्र धान का कटोरा नाम से ही प्रसिद्ध था। यहां धान की जैविक किस्मों से उत्पादन का काफी प्रचलन है। हालाँकि, वर्तमान में जलवायु बदलाव के दुष्परिणामों के मध्य आहिस्ते-आहिस्ते प्रदेश में धान के उत्पादन के तुलनात्मक वैकल्पिक फसलों की कृषि को प्रोत्साहन दिया जाता है। अगर हम कृषि से अलग बात करें तो आजकल छत्तीसगढ़ राज्य की गौशालाएं (गौठान) भी ग्रामीण रोजगार केंद्र के रूप में प्रदर्शित हो रहे हैं। इन गौठान मतलब गौशालाओं में गोबर से निर्मित कीटनाशक, ऑर्गेनिक पेंट, खाद, उर्वरक सहित कई सारे उत्पाद निर्मित किए जा रहे हैं। जिसके लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन धनराशि भी उपलब्ध कराई जाती है। आजकल छत्तीसगढ़ राज्य के कृषक भाइयों को मोटे अनाज का उत्पादन करने हेतु बढ़ावा दिया जा रहा है।

श्रेणी