जैविक खेती को मिलेगा यूपी में सरकार का साथ

By: MeriKheti
Published on: 17-Jul-2021

उत्तर प्रदेश में सरकार जैविक खेती को मूल आधार देने की तैयारी कर चुकी है। सरकार जैविक उत्पादों की मार्केटिंग के लिए एफपीओ यानी कृषक उत्पाादक संगठनों को माध्यम बनाएगी।  इसके लिए ठोस कार्य्य योजना तैयार कर ली गई है। इस काम को अंजाम देने के लिए पूर्व में गठित जैविक क्लस्टरों को अनिवार्य रूप से एफपीओ में तब्दील कियाा जाएगा। उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए लोगो,पैकिंग आदि पर ध्यान देने के अलावा नगरीय क्षेत्रों में दो दिवसीय विशेष शिविर लगाने की व्यवस्था भी सरकार द्वारा की जा रही है। सरकार इस योजना को परंपरागत कृषि विकास योजना तथा नमामि गंगे योजना के अंतर्गत मूर्त रूप देगी। यह निर्णय प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 25 जून 2021 को आयोजित एक वेबीनार मैं आए सुझावों के बाद लिया गया। इस वेबीनार में कृषि विभाग के राज्य स्तरीय अफसरों के अलावा मंडी समिति, विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारी एवं प्रगतिशील किसान भी सहभागी रहे। निर्णय लिया गया कि 31 अगस्त तक प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर पूर्व में चयनित क्लस्टर में एक एसपीओ का गठन किया जाए। इसके लिए आवश्यक दिशा निर्देश अधीनस्थों को दिए हैं। जैविक उत्पादों की मार्केटिंग में समस्या ना हो इस पक्ष को ध्यान में रखते हुए उनकी शार्टिंग, ग्रेडिंग एवं पैकेजिंग इकाई स्थापित करने पर भी आम सहमति बनी। उस कार्य के लिए धन की व्यवस्था भी सरकारी स्तर पर कर ली गई है।

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एसपीओ का गठन होने के बाद प्रति किसान ₹2000 वैल्यू ऐडेड कार्यों के लिए उपलब्ध रहेगा। किसी भी पैकेजिंग में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इस काम को आगे बढ़ने से युवाओं को रोजगार मिलेगा। गरम उत्पादन को हेल्थ कॉन्शियस रखने वाले शहरी लोगों तक पहुंचाना आसान होगा। किसानों को जैविक उत्पादन की वाजिब कीमत मिल पाएगी। उनकी माली हालत में सुधार होने के चलते हुए उनके परिवारों का स्तर भी सुधरेगा।

लोगो से होगी गुणवत्ता की पहचान

किसी भी जिले के जैविक उत्पाद को एक अलग पहचान प्रदान करने के लिए स्थानीय स्तर पर लोगो डिजाइन किए जाएंगे ताकि उनका प्रचार-प्रसार सब जगह हो सके। 31 जुलाई तक पूर्ण किए जाने वाले इस कार्य की भरपूर ब्रांडिंग की जाएगी ताकि लोग स्थानीय स्तर पर उत्पादित गुणवत्ता युक्त उत्पाद की पैकिंग और लोगो को पहचान सकें। [embed]https://www.youtube.com/watch?v=Fq7vALF-LOE&t[/embed]

मंडी में बनेंगे जैविक उत्पाद बिक्री केंद्र

जैविक उत्पादों की बिक्री और प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के लिए लंबे समय से यह मांग प्रगतिशील किसानों द्वारा की जाती रही की प्रत्येक मंडी में जैविक उत्पादों की बिक्री के लिए भी एक आउटलेट की व्यवस्था होनी चाहिए। अब सरकार ने ठोस नीति बनाई है और आने वाले कल में इस दिशा में स्थाई काम होगा। इसके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जैविक उत्पादों की नीलामी के लिए भी मंडी में अलग व्यवस्था की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी यूपी डास्प के तकनीकी समन्वयक संयुक्त कृषि निदेशक को दी गई है।

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