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पंजाब सरकार बनाएगी पराली से खाद—गैस

पंजाब सरकार बनाएगी पराली से खाद—गैस

पंजाब सरकार करीब 500 करोड़ के निजी निवेश पर आधारित पांच बायोगैस प्रोजेक्टों को शीघ्र शुरू करने जा रही है। इनमें धान की पराली से बायोगैस एवं खाद बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डा. राज कुमार वेरका और पेडा के चेयरमैन एच.एस. हंसपाल की मौजुदगी में राज्य के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग की पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) ने मैसर्ज एवरएनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राईवेट लिमटिड, मुंबई के साथ राज्य में धान की पराली पर आधारित पाँच बायोगैस प्रोजैक्टों के लिए हस्ताक्षर करके समझौता किया।

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इस मौके पर पेडा के सी.ई.ओ रंधावा ने बताया कि यह प्रोजैक्ट जगराओं, मोगा, धूरी, पातड़ां और फिलौर तहसीलों में स्थापित किये जाएंगे। यह कंपनी लगभग 500 करोड़ रुपए के निजी निवेश से इन प्रोजेक्टों की स्थापना करेगी। इन प्रोजेक्टों का कुल उत्पादन 222000 घन मीटर रा बायो गैस प्रति दिन है जिसको शुद्ध किया जायेगा जिससे प्रति दिन 92 टन बायो सीएनजी /सीबीजी प्राप्त की जा सके। इन प्रोजेक्टों में उप-उत्पाद के तौर पर जैविक खाद भी तैयार की जायेगी जो खेती ज़मीन की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाएगी और रासायनिक खाद के प्रयोग को भी बदलेगी। 

यह प्रोजैक्ट दिसंबर, 2023 तक या इससे पहले बायो सीएनजी का व्यापारिक उत्पादन शुरू कर देंगे। यह प्रोजैक्ट लगभग 7000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजग़ार प्रदान करेंगे। इन प्रोजैक्टों के चालू होने पर लगभग 3.5 लाख टन सालाना धान की पराली खपत होगी। इस तरह राज्य के किसानों को अपने खेतों में इन प्रोजैक्टों के लिए खेती के अवशेष की बिक्री से भी लाभ होगा और पराली जलाने की समस्या से भी काफ़ी निजात मिलेगी।

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सी.ई.ओ. ने आगे बताया कि पेडा ने राज्य में कुल 263 टन प्रति दिन सामर्थ्य वाले 23 ऐसे बायो सीएनजी प्रोजैक्ट, प्राईवेट डिवैलपरों को बीओओ के आधार पर अलाट किये हैं, जिनमें उपरोक्त 5 प्रोजैक्ट भी शामिल हैं। यह प्रोजैक्ट 2022-23 और 2023-24 तक लगभग 1300-1500 करोड़ रुपए के निजी निवेश से पूरे किये जाएंगे। इन प्रोजैक्टों से लगभग 35000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष तौर पर रोजग़ार मिलेगा।

यह प्रोजैक्ट चालू होने पर लगभग 9 लाख टन सालाना धान की पराली का उपभोग करेंगे। मैसर्ज वर्बियो इंडिया प्राईवेट लिमटिड द्वारा गाँव भुटाल कलाँ, जि़ला संगरूर में प्रति दिन 33.23 टन बायो-सीऐनजी सामथ्र्य का स्थापित किया जा रहा सबसे बड़ा प्रोजैक्ट है, दिसंबर 2021 तक व्यापारिक उत्पादन शुरू कर देगा। इस प्रोजैक्ट में लगभग 1.25 लाख टन धान की पराली की खपत की जायेगी।

मथुरा में बायोगैस प्लांट (Biogas Plant) बनाने जा रहा है अडानी ग्रुप, साथ ही, गोबर से बनेगी CNG

मथुरा में बायोगैस प्लांट (Biogas Plant) बनाने जा रहा है अडानी ग्रुप, साथ ही, गोबर से बनेगी CNG

उत्तर प्रदेश के मथुरा में आने वाले बरसाने की श्रीमाता गौशाला से प्रति दिन 35 से 40 टन गोबर निर्मित होता है। इसलिए अडानी कंपनी द्वारा 200 करोड़ के खर्च से गोबर गैस प्लांट (Gobar Gas Plant) स्थापित कर रही है, जिसमें बायोगैस CNG सहित उर्वरक भी निर्मित किया जाएगा। 

जब भी गाय पालन एवं गौ सेवा की बात सामने आती है, तब मस्तिष्क में मथुरा-वृंदावन की एक छवि का दर्शन होता है। यहां पौराणिक काल से ही गाय पालन का विशेष महत्व है। पूर्ण विश्व ब्रज क्षेत्र को दूध हब के रूप में जानता है। 

परंतु, अब इसकी पहचान बायोगैस हब के रूप में की जाती है। हालाँकि, मथुरा में बहुत पहले से रिफाइनरी उपस्थित है। परंतु, फिलहाल निजी कंपनियां भी मथुरा के अंदर बायोगैस सीएनजी एवं खाद निर्मित करने हेतु निवेश किया जा रहा है।

भारत की बड़ी कंपनियों में शम्मिलित अडानी ग्रुप की टोटल एनर्जी बायोमास लिमिटेड द्वारा अब बरसाना स्थित रमेश बाबा की श्रीमाता गौशाला में बायोगैस प्लांट लगाने की योजना पर कार्य चल रहा है। 

आपको बतादें कि 200 करोड़ के खर्च से स्थापित होने वाला यह बायोगैस प्लांट सीएनजी सहित तरल उर्वरक नहीं निर्मित करेगा। जिसके लिए श्री माता गौशाला से प्राप्त होने वाले गोबर का उपयोग किया जाएगा। इस प्लांट हेतु किसानों एवं पशुपालकों से भी गोबर खरीदने की योजना है।

अडानी ग्रुप निर्मित करेगा सीएनजी (CNG) एवं गोबर

भारत की बड़ी गौशालाओं में शम्मिलित बरसाना की श्री माता गौशाला के अंदर गौ सेवा सहित आमदनी का सृजन भी होगा। खबरों के मुताबिक, तो अड़ानी टोटल गैस लिमिटेड द्वारा रमेश बाबा की श्री माता गौशाला से मिलकर समझौता हुआ है, जिसके अंतर्गत गौशाला की भूमि पर ही बायोगैस प्लांट (Biogas Plant) स्थापित किया जाना है। 

इस 13 एकड़ में विस्तृत प्लांट 40 टन गोबर की क्षमता रखता है, जिससे कि 750 से 800 किलो तक सीएनजी की पैदावार उठायी जा सकती है। साथ ही, प्लांट से प्राप्त होने वाला तरल खाद भी किसानों को मुहैय्या कराया जाएगा। 

इस समझौते के अंतर्गत गौशाला के अंदर निर्मित किया जा रहा है। अडानी ग्रुप का बायोगैस प्लांट 20 वर्ष हेतु गौशाला की भूमि का उपयोग करेगा। जिसके बदले में गौशाला को किराया एवं गोबर के बदले भुगतान भी प्रदान किया जाना है।

केवल इतना ही नहीं, यहां निर्मित होने वाला बायोगैस CNG विक्रय कर जो आय होनी है। जिसका एक भाग गौशाला में गो सेवा पर भी व्यय होगा।

इन प्रसिद्ध डेयरियों ने भी बायोगैस प्लांट (Biogas Plant) की स्थापना की है

भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था जो कि कभी कृषि एवं पशुपालन पर आश्रित रहती थी। वह अब गोबर से आय के मॉडल को तीव्रता से अपना रही है। वर्तमान में बहुत से किसान-पशुपालक बायोगैस प्लांट (Biogas Plant) स्थापित करके तरल खाद सहित व्यक्तिगत जरूरतों को पूर्ण करने हेतु बायोगैस का निर्माण कर रही हैं। 

इससे बहुत सारे घरों का चूल्हा चलता है। गोबर के मॉडल में तीव्रता से आने वाली वृद्धि से मुनाफा देखने को मिल रहा है। इसलिए वर्तमान में बहुत सारी कंपनियों द्वारा इस मॉडल पर निवेश किया जा रहा है। 

अडानी समूह से पूर्व अमूल कंपनी द्वारा भी गुजरात में भी ऐसा ही बायोगैस प्लांट स्थापित किया गया है। हरियाणा की वीटा डेरी द्वारा भी नारनौल में इसी तरह के प्लांट पर कार्य किया जा रहा है। 

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देश की कई बड़ी कंपनियां गोबर से करोड़ों की कमाई करने की तैयारी कर रही हैं. इसी गोबर से रसोई गैस और वाहनों में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी गैस बनाई जा रही है. साथ ही,फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर भी बनाए जा रहे हैं.

बायोगैस पूर्व से ही निर्मित की जा रही है

किसान तक की रिपोर्ट के अनुसार, मथुरा के बरसाना स्थित रमेश बाबा की श्री माता गौशाला में पूर्व से ही एक बायोगैस प्लांट स्थापित किया गया है। जिससे प्रत्येक दिन 25 टन गोबर से बायोगैस निर्मित की जाती है। 

इस गैस के माध्यम से ही गौशाला रौशन रहती है। बायोगैस प्लांट (Biogas Plant) से निकलने वाली गैस द्वारा 100 केवी का विद्युत जनित्र संचालित होता है। गौशाला के विभिन्न कार्यों हेतु विघुत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

कृषि शिखर सम्मेलन, एग्रोविजन, नागपुर में महिंद्रा ने पहला सीएनजी मोनो फ्यूल ट्रैक्टर लॉन्च किया है

कृषि शिखर सम्मेलन, एग्रोविजन, नागपुर में महिंद्रा ने पहला सीएनजी मोनो फ्यूल ट्रैक्टर लॉन्च किया है

भारत के प्रख्यात ट्रैक्टर ब्रांड, महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने मध्य भारत के सबसे बड़े कृषि शिखर सम्मेलन, एग्रोविजन, नागपुर में अपने लोकप्रिय युवो ट्रैक्टर प्लेटफॉर्म पर अपने प्रथम सीएनजी मोनो फ्यूल ट्रैक्टर को लॉन्च किया है। अनावरण चार दिवसीय शिखर सम्मेलन के उद्घाटन दिवस पर केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में संपन्न हुआ। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि महिंद्रा सीएनजी-संचालित वाहनों को तैयार करने में, इष्टतम उत्सर्जन नियंत्रण, प्रदर्शन एवं परिचालन खर्च दक्षता को प्राथमिकता प्रदान करता है। महिंद्रा रिसर्च वैली चेन्नई में विकसित एवं परीक्षण किया गया नवीन महिंद्रा सीएनजी ट्रैक्टर डीजल से संचालित होने वाले ट्रैक्टरों के समतुल्य शक्ति तथा प्रदर्शन से युक्त है।

सीएनजी ट्रैक्टर पर्यावरण के लिए काफी अनुकूल है 

पर्यावरण के अनुकूल, सीएनजी ट्रैक्टर डीजल ट्रैक्टरों के मुकाबले में उत्सर्जन को तकरीबन 70% फीसद तक कम कर देता है। कम इंजन कंपन से शोर के स्तर में गिरावट आती है, जो डीजल ट्रैक्टरों के मुकाबले में 3.5db कम होता है। यह वृद्धि ना सिर्फ विस्तारित कामकाजी घंटों एवं इंजन जीवन की सुविधा देता है। वहीं, कृषि तथा गैर-कृषि दोनों अनुप्रयोगों के लिए उन्नत ऑपरेटर आराम भी निर्धारित करती है।

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डीजल ट्रैक्टरों की तुलना में कितनी बचत प्रदान करता है 

सीएनजी तकनीक से युक्त ट्रैक्टर वर्तमान डीजल ट्रैक्टरों की क्षमताओं से काफी मेल खाते हुए बहुत सारे कृषि तथा ढुलाई अनुप्रयोगों को कुशलता से संभालता है। महिंद्रा के सीएनजी ट्रैक्टर में 45 लीटर जल की क्षमता वाले चार टैंक होते हैं। साथ ही, 200-bar दबाव पर 24 किलोग्राम तक गैस भरी हो सकती है। यह सीएनजी ट्रैक्टर डीजल ट्रैक्टरों के मुकाबले में प्रति घंटे 100 रुपये की अनुमानित बचत प्रदान करता है। महिंद्रा ने इस अग्रणी तकनीक के गहन मूल्यांकन के पश्चात सीएनजी ट्रैक्टर का बाजार में अनावरण करने की योजना तैयार की है।

विश्वभर में फिलहाल 1.2 करोड़ CNG आधारित वाहन हैं 

रिपोर्ट के अनुसार बात करें, तो इस वक्त संपूर्ण विश्व में 1.2 करोड़ वाहन CNG से संचालित किए जा रहे हैं। बतादें, कि विभिन्न कंपनियां एवं नगर निगम प्रति दिन CNG वाहनों को अपने बेड़े में शम्मिलित कर रही हैं। डीजल इंजन के मुकाबले में CNG इंजन 70% फीसद कम उत्सर्जन करते हैं। डीजल की वर्तमान कीमत 77.43 रुपए प्रति लीटर है। वहीं, CNG की वर्तमान कीमत 42 रुपए प्रति किलोग्राम तक है।