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NCRB की रिपोर्ट में देश के किसानों की आत्महत्या के मामलों में इजाफा

Published on: 06-Dec-2023

एनसीआरबी की नई रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों की आत्महत्या करने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा खबरों के मुताबिक साल 2022 में खेती किसानी से जुड़े लोगों की आत्महत्या से होने वाली मौतों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। चार दिसंबर को जारी लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार बीते वर्ष देश भर से तकरीबन 11,290 आत्महत्या के ऐसे मामले सामने आए हैं। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि 2021 से 3.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान 10,281 मौतें दर्ज की गई थीं। 2020 के आंकड़ों की तुलना में 5.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 2022 के आंकड़े कहते हैं, कि भारत में प्रति घंटे कम से कम एक किसान ने आत्महत्या कर ली है। साथ ही, 2019 से कृषकों की आत्महत्या से होने वाली मौतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जब NCRB डेटा में 10,281 मौतें दर्ज की गईं। खबरों के अनुसार, विगत कुछ वर्ष भारत में कृषि के लिए शानदार नहीं रहे हैं। साल 2022 में जिस साल के लिए एनसीआरबी ने डेटा जारी किया है। बहुत सारे प्रदेशों में सूखे की हालत एवं असामयिक निरंतर वर्षा भी हुई है, जिसकी वजह से खड़ी फसलें तक तबाह हो गईं। वहीं, चारे की कीमतें आसमान छू रही हैं। 

कृषि से जुड़े कितने लोगों ने आत्महत्या की 

रिपोर्ट के मुताबिक, खेती में लगे 11,290 व्यक्तियों में से आत्महत्या करने वालों में 53 फीसद (6,083) खेतिहार मजदूर हैं। विगत कुछ वर्षों में एक औसत कृषि परिवार की अपनी आमदनी के लिए फसल उत्पादन की अपेक्षा खेती से मिलने वाली मजदूरी पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। वर्ष 2022 में आत्महत्या करने वाले 5,207 किसानों में 4,999 पुरुष हैं, वहीं 208 महिलाएं भी शम्मिलित हैं। 

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इन राज्यों में आत्महत्या नहीं हुई है 

आत्महत्या करने वाले 6,083 कृषि श्रमिकों में 5,472 पुरुष एवं 611 महिलाएं शामिल हैं। वहीं, महाराष्ट्र में 4,248, कर्नाटक में 2,392, आंध्र में 917 कृषि आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट की मानें तो उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, चंडीगढ़, वेस्ट बंगाल, ओडिशा, बिहार, लक्षद्वीप व पुदुचेरी में कृषि क्षेत्र से संबंधित कोई आत्महत्या दर्ज नहीं की गई है।

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