किसान इस खांसी, सर्दी और जुकाम जैसे रोगों से निजात दिलाने वाले औषधीय पौधे से अच्छी आय कर सकते हैं

Published on: 21-Jul-2023

बनफशा बहुत सारी खतरनाक बीमारियों को जड़ से समाप्त करने की क्षमता रखता है। आइए इस पौधे के विषय में विस्तार पूर्वक जानते हैं। क्या आपने कभी बनफशा के विषय में सुना है ? बहुत सारे लोग यह नाम शायद पहली बार सुन रहे होंगे। दरअसल, यह एक औषधीय पौधा होता है। जो मेडिकल लाइन में काफी प्रसिद्ध है। इसका इस्तेमाल उन औषधियों को तैयार करने में किया जाता है। जो कि जुकाम, सर्दी और खांसी आदि में काम आते हैं। बनफशा बेहद सुगंधित पौधा होता है, जो फूलों के जरिए से पहचाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Viola odorata है। यह पौधा सामान्य तौर पर भारत, दक्षिण एशिया, यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है। इसके पत्ते छोटे एवं हरे रंग के होते हैं, जबकि इसके फूल लवंगी अथवा नीले रंग के होते हैं।

बनफशा का इस्तेमाल सर्वाधिक यहां होता है

बनफशा के पत्तों, फूलों और गुच्छों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। इसको प्रमुख तौर पर मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करने के लिए जाना जाता है। यह सांस की समस्याओं को कम करने और श्वसन तंत्र को सुधारने में काफी ज्यादा सहयोग कर सकता है। यह अपच और आंत्र-संबंधित समस्याओं में उपयोगी भूमिका अदा कर सकता है। ये भी पढ़े: इन फूलों का होता है औषधियां बनाने में इस्तेमाल, किसान ऐसे कर सकते हैं मोटी कमाई

जुकाम और साइनस संक्रमण

बनफशा के पानी को जुकाम और साइनस संक्रमण को खत्म करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके द्वारा नाक से संक्रमण और जुकाम के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

शांतिदायक गुण

बनफशा की शांतिदायक गुणों की वजह से भी प्रशंसा की जाती है। इसका इस्तेमाल तनाव, चिंता, अस्थायी नींद जैसी समस्याओं एवं मानसिक तनाव को कम करने में किया जाता है। ये भी पढ़े: इस औषधीय गुणों वाले बोगनविलिया फूल की खेती से होगी अच्छी-खासी कमाई

त्वचा समस्याओं का समाधान

बनफशा का तेल त्वचा की देखभाल के लिए उपयोग किया जाता है। यह त्वचा को मुलायम एवं चमकदार बनाने में काफी सहायता कर सकता है। साथ ही, त्वचा संबंधी समस्याओं, जैसे कि खुजली, छाले, दाग-धब्बे आदि को कम करने में भी सहयोग कर सकता है। हालांकि, बीमारियों को दूर भगाने के लिए कितनी मात्रा में बनफशा का इस्तेमाल किया जाता है। इस सन्दर्भ में सिर्फ डॉक्टर ही बता सकते हैं। डॉक्टर संदीप का कहना है, कि बनफशा को दवा बनाने वाली कई कंपनियां इस्तेमाल करती हैं। वनफशा को काफी महंगी कीमत पर खरीदा जाता है। वैसे तो बनफशा प्रमुख तौर पर दक्षिण एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है। परंतु, भारत में भी इसकी कुछ किस्में पाई जाती हैं। भारत में बनफशा प्राकृतिक तौर पर कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। कुल मिलाकर बनफशा के पौधे गर्म तापमान को सहन नहीं कर सकते। इनके लिए ठंडा तापमान सबसे सही होता है।

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