भारत के विभिन्न प्रदेश में मूसलाधार तो कहीं झमाझम बरसात हो रही है। लेकिन, देश के बहुत सारे राज्यों में कम बारिश से किसान काफी चिंतित है।
देश में फिलहाल कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे का प्रकोप चल रहा है। विदर्भ में मूसलाधार बारिश ने काफी तबाही मचा दी है। दक्षिण भारत विशेषकर तमिलनाडु में इस सीजन में औसत से दोगुनी वर्षा हो रही है।
उत्तर प्रदेश, झारखंड-बिहार और छत्तीसगढ़ में औसत से कम बारिश की रिपोर्ट दर्ज की गई है। विदर्भ क्षेत्र के किसानों को मूसलाधार बारिश के चलते सर्वाधिक हानि हुई है।
जानकारी के लिए बतादें कि देश में बारिश, बाढ़ और जलजमाव के चलते आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। अगर हम एक अनुमान के नजरिए से देखें तो बारिश से तकरीबन 50 हजार से भी ज्यादा किसान प्रभावित हुए हैं।
सरकार ने सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है। उम्मीद है, कि सरकार जल्द ही मुआवजे की घोषणा का ऐलान भी कर देगी।
महाराष्ट्र राज्य में विदर्भ क्षेत्र में नागपुर, अमरावती, अकोला, यवतमाल, बुलढाणा, चंद्रपुर, वर्धा, गढ़चिरौली, भंडारा, गोंदिया, वाशिम जिले शामिल हैं, जिनका केंद्र बिंदु नागपुर है।
बतादें, कि विदर्भ क्षेत्र में 19 जुलाई से निरंतर बारिश हो रही है, इसकी वजह से नदियां व नाले अपने पूरे उफान पर हैं और खेतों में पानी भर गया है। इससे किसानों की फसलों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है।
बारिश से फसल नुकसान के प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक लगभग 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बारिश का पानी भर गया है। तकरीबन 50 हजार किसान नुकसान की चपेट में आ गए हैं।
इन प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक नागपुर डिविजन के गढ़चिरौली, गोंडिया, नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर और भंडारा में बारिश से फसलों की काफी ज्यादा तबाही हुई है।
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