मोती की खेती उत्पादन, लाभ संबंधी सम्पूर्ण जानकारी

Published on: 01-Jul-2025
Updated on: 01-Jul-2025
Freshwater pearls in oyster shell from pearl farming
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मोती की मांग आज स्थानीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी तेजी से बढ़ रही है। इसी वजह से किसान अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर मोती की खेती की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं। 

कम लागत और अधिक मुनाफे वाली यह खेती पुरुषों और महिलाओं, दोनों के लिए लाभदायक है। बिहार के नालंदा जिले की मधु पटेल पिछले चार सालों से डिजाइनर मोती तैयार कर रही हैं और अन्य किसानों को भी यह काम अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

अब समुद्र नहीं, तालाब और टैंक में होती है मोती की खेती

पहले मोती केवल समुद्र से प्राप्त किए जाते थे, लेकिन अब किसान इन्हें अपने तालाबों या टैंकों में भी तैयार कर सकते हैं। यह प्रक्रिया “मोती एक्वाकल्चर” कहलाती है। 

एक सामान्य मोती बनने में लगभग 18 महीने लगते हैं, जबकि डिजाइनर मोती को तैयार होने में 2 से 2.5 साल का समय लग सकता है। इसके लिए प्रशिक्षण लेना जरूरी होता है।

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न्यूक्लीयस और डिजाइनर मोती

मधु पटेल बताती हैं कि अलग-अलग डिज़ाइन के मोती बनाने के लिए न्यूक्लीयस (कोर) तैयार किया जाता है, जिसे सीप के अंदर डाला जाता है। 

न्यूक्लीयस बेकार सीप के पाउडर और गोंद (एरलडाइट) से बनाया जाता है और उसकी लागत ₹1–2 आती है, जबकि बाज़ार में यह ₹3–6 में बिकता है। कुछ खास डिजाइन जैसे अक्षर वाले न्यूक्लीयस की कीमत ₹40 तक हो सकती है।

मोती उत्पादन की प्रक्रिया

  1. सबसे पहले अच्छी गुणवत्ता वाले सीपों का चयन किया जाता है।
  2. सीपों को लाने के 1–2 दिन बाद उनकी सर्जरी करके न्यूक्लीयस डाला जाता है।
  3. फिर इन्हें एक सप्ताह के लिए एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट दिया जाता है।
  4. इसके बाद नायलॉन बैग में रखकर तालाब में बांस या पाइप के सहारे डुबो दिया जाता है।
  5. मोती बनने में 15 से 30 महीने तक का समय लगता है।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • सर्जरी के बाद अगर किसी सीप का मुंह खुला रह जाए तो उसे हटा देना चाहिए।
  • डिजाइनर न्यूक्लीयस एक सीप में 2 से अधिक नहीं होने चाहिए; सामान्य गोल न्यूक्लीयस 4 तक डाले जा सकते हैं।
  • एक सीप को 3 लीटर पानी की जरूरत होती है; टैंक खेती में 20–25 लीटर प्रति सीप का पानी चाहिए।
  • मछली पालन के साथ मोती की खेती करने से लागत कम होती है।
  • एक सीप पर ₹60–70 का खर्च आता है और एक मोती ₹500 से ₹2000 या उससे अधिक में बिक सकता है।
  • पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए समय-समय पर 40% पानी बदलना चाहिए।

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अच्छे सीप की पहचान

अच्छा सीप कम से कम 6 सेमी लंबा होना चाहिए, इंद्रधनुषी चमक वाला हो और वजन 35 ग्राम से कम न हो। इसकी कीमत ₹4–10 के बीच होती है।

मोती की खेती का प्रशिक्षण कहां से लें?

मोती की खेती का प्रशिक्षण CIFA (Central Institute of Freshwater Aquaculture), भुवनेश्वर से लिया जा सकता है। इसके रीजनल सेंटर भटिंडा, बेंगलुरु और विजयवाड़ा में भी प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध हैं। 

मोती की खेती एक लाभकारी व्यवसाय है जिसे उचित प्रशिक्षण, धैर्य और सही तकनीक से अपनाकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।