पत्थरचट्टा अधिक पैदावार के लिए किसान कैसे लगाए इसके पौधे

Published on: 10-Jul-2025
Updated on: 10-Jul-2025
Close-up view of Pattharchatta plant with thick green medicinal leaves
फसल

पत्थरचट्टा, जिसे वैज्ञानिक रूप से कलांचो पिन्नाटा कहा जाता है, एक लोकप्रिय औषधीय पौधा है जो न केवल स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है बल्कि देखने में भी आकर्षक होता है। 

इसे घर में उगाना बेहद आसान है, खासकर अगर आप इसे गमले या ग्रो बैग में अकेले लगाते हैं। यह पौधा बहुत तेजी से फैलता है, इसलिए इसे अन्य पौधों के साथ लगाने से बचना चाहिए, वरना यह उनकी वृद्धि को प्रभावित कर सकता है।

पत्थरचट्टा का पौधा कैसे लगाएं

पत्थरचट्टा को नर्सरी से पौधा खरीदकर लगाया जा सकता है, या फिर इसकी पत्तियों के किनारे जो छोटे-छोटे पौधे निकलते हैं, उन्हें मिट्टी में सीधे दबाकर नए पौधे तैयार किए जा सकते हैं। 

इसके बीज भी बोकर इसे उगाया जा सकता है। इसकी खास बात यह है कि यह पत्तियों से भी नई पौध निकाल सकता है, जिससे इसे उगाना बेहद सरल हो जाता है।

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अनुकूल मौसम और तापमान

पत्थरचट्टा गर्म जलवायु में अच्छी तरह पनपता है और ठंड को सहन नहीं कर पाता। यदि आप ठंडे इलाकों में रहते हैं, तो इसे घर के अंदर धूप वाली जगह पर रखें। 10°C से नीचे का तापमान इसके लिए हानिकारक होता है।

मिट्टी और गमले की तैयारी

इस पौधे के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी आदर्श होती है। गमले के लिए मिट्टी का मिश्रण इस प्रकार तैयार करें – 60% बगीचे की मिट्टी, 30% रेत या कोकोपीट, और 10% जैविक खाद। इससे मिट्टी में हवा का संचार बना रहेगा और पानी जमा नहीं होगा, जिससे जड़ें सड़ने से बचेंगी।

खाद और पानी

पत्थरचट्टा को बार-बार खाद देने की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन फरवरी और सितंबर में गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट देने से पौधे की वृद्धि बेहतर होती है। 

पानी बहुत कम देना चाहिए – केवल तब जब मिट्टी की ऊपरी सतह पूरी तरह सूख जाए, क्योंकि यह पौधा एक सकुलेंट है और ज्यादा नमी से इसकी जड़ें गल सकती हैं।

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धूप और प्रकाश

पत्थरचट्टा तेज धूप में अच्छी तरह बढ़ता है, लेकिन आंशिक छाया में भी जीवित रह सकता है। इसे ऐसी जगह रखें जहां इसे रोजाना कम से कम 4–5 घंटे की सीधी धूप मिले।

कीट और बीमारियों से सुरक्षा

कभी-कभी नेमाटोड्स और अन्य कीटों का हमला इस पौधे पर हो सकता है। इससे बचने के लिए हर 15 दिन में नीम तेल का जैविक छिड़काव करना फायदेमंद रहेगा।

औषधीय लाभ

पत्थरचट्टा कई आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होता है –

  1. किडनी और पित्त की पथरी: रोज सुबह इसकी दो पत्तियां गर्म पानी के साथ लेने से लाभ होता है।
  2. मूत्र संक्रमण: इसके रस का सेवन मूत्र मार्ग की समस्याओं में राहत देता है।
  3. पेट दर्द: इसके रस में अदरक पाउडर मिलाकर लेने से पेट दर्द में आराम मिलता है।

निष्कर्ष

पत्थरचट्टा एक ऐसा पौधा है जो बेहद कम देखभाल में भी जीवित रह सकता है और अनेक औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके लिए थोड़ी-सी जगह, धूप, और सही मिट्टी की आवश्यकता होती है। अगर आप अपने घर में एक उपयोगी और सुंदर पौधा लगाना चाहते हैं, तो पत्थरचट्टा एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।