बायोटेक्नोलॉजी के जरिए फसलीय उपज और गुणवत्ता में सकारात्मक सुधार हुआ है

Published on: 25-Dec-2023

बायोटेक्नोलॉजी से तैयार की गई नई फसलों एवं तकनीकों की सहायता से किसान फसलों की पैदावार और गुणवत्ता दोनों को अच्छा बना पा रहे हैं। आजकल बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी तीव्रता से प्रगति हो रही है। इसका लाभ बहुत से अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में भी उठाया जा रहा है। आज के वक्त में बायोटेक्नोलॉजी ने कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने का कार्य किया है। बायोटेक्नोलॉजी की सहायता से किसान अब ज्यादा उत्पादन और शानदार किस्म की फसलें उगा पा रहे हैं। इससे कृषकों को लाभ ही लाभ हो रहा है। बायोटेक्नोलॉजी के माध्यम से कृषि में विभिन्न प्रकार के नए-नए बदलाव किए जा रहे हैं। इससे फसलों की उपज बढ़ाने में सहायता मिल रही है। साथ ही कीट-पतंगों और बीमारियों से लड़ने में भी यह तकनीक अपनी अहम भूमिका निभा रही है। बायोटेक्नोलॉजी से किसान अपनी फसलों की गुणवत्ता और पैदावार दोनों को शानदार बना रहा है। बायोटेक्नोलॉजी कृषि के क्षेत्र में किस तरीकों से सहायता कर रही है।

बायोटेक इंजीनियर पूर्वा कुलश्रेष्ठ का इसको लेकर क्या कहना है ?

बायोटेक इंजीनियर पूर्वा कुलश्रेष्ठ का कहना है, कि बायोटेक्नोलॉजी ने कृषि क्षेत्र में काफी मदद की है। यह किसानों और कृषि उत्पादकता के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध हुई है।  फसलों के उत्पादन को बढ़ाने में सहयोग मिला है। उच्च पैदावार वाली नई किस्में तैयार की गई हैं। सूखा झेलने वाले पौधे तैयार किए गए हैं, जिससे कि सूखे की स्थिति में भी शानदार फसल हो सके। बायोटेक से खाद्य सुरक्षा में भी सुधार देखने को मिला है। फसलों की निगरानी अब सहज हो गई है।

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नवीन प्रजातियों की फसलें

बायोटेक्नोलॉजी की सहायता से कृषि वैज्ञानिकों ने बहुत सारी फसलों की नवीन और उन्नत किस्में तैयार की हैं। इनमें सोयाबीन, धान, गेहूं, मक्का जैसी फसलें शुमार हैं। इन नवीन किस्मों में फसलों की पैदावार बढ़ाने और उन्हें बीमारियों व कीटों के प्रति सशक्त बनाने के गुण शामिल किए गए हैं। इन उन्नत बायोटेक फसलों की खेती करने से किसानों को पूर्व की तुलना में ज्यादा उत्पादन हो रहा है। इसके साथ ही इन फसलों की गुणवत्ता भी अच्छी हुई है और बाजार में इनकी कीमतें भी अच्छी मिल रही हैं। इससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 

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