इस आलू की कीमत सोने से भी महंगी, जानिए इसकी कीमत

By: MeriKheti
Published on: 10-Sep-2023

आज हम आपको इस लेख में ले बोनोटे आलू के बारे में जानकारी देने वाले हैं। वहीं, अगर इसकी उत्पत्ति की बात की जाए तो नोइरमौटियर द्वीप पर हुई है। विगत 200 साल से फ्रांस में इसकी खेती हो रही है। इसका नाम एक स्थानी किसान बेनोइट बोनोटे के नाम पर रखा गया है। बतादें कि ऐसा कहा जाता है, कि किसान बेनोइट बोनोटे ने सर्वप्रथम इसकी खेती चालू की थी। आलू की सब्जी का सेवन करना हर किसी को पसंद है। इसकी खेती तकरीबन पूरे भारत में की जाती है। यह एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जो कि पूरे वर्ष बाजार में असानी से मिल जाता है। इसकी कीमत सदैव 20 से 30 रुपये किलो ही रहती है। परंतु, कभी- कभी भारत में आलू 50-60 रुपये किलो भी हो जाता है। इससे महंगाई बढ़ जाती है। सरकार के ऊपर दवाब अधिक बढ़ जाता है। साथ ही, लोगों के किचन का बजट भी खराब हो जाता है। क्या आपको जानकारी है कि विश्व में आलू की एक ऐसी भी प्रजाति है, जिसकी कीमत काफी ज्यादा होती है। इस किस्म के एक किलो आलू खरीदने के लिए आपको हजारों रुपये का खर्चा करना पड़ेगा।

केवल फ्रांस में ही ले बोनोटे का उत्पादन होता है

विशेष बात यह है, कि आलू की इस किस्म का नाम ले बोनोटे है। इसकी खेती केवल फ्रांस में होती है। ऐसा कहा जाता है, कि इसकी कीमत एक तोले सोने से भी ज्यादा होती है। ऐसी स्थिति में आम भारतीय परिवार इस एक किलो आलू की कीमत में कई माह का राशन खरीद सकता है। आम तौर पर विश्व के धनवान लोग ही इस आलू का सेवन करते हैं। क्योंकि गरीब व्यक्ति एक किलो आलू खरीदने की जगह एक तोला सोना खरीद लेगा, जो कि बाद में बेहतरीन रिटर्न देगा। ये भी पढ़े: Potato farming: आलू की खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी ले बोनोटे आलू इस वजह से इतना महंगा है, क्योंकि इसकी खेती फ्रांस के सीमित इलाकों में ही की जाती है। एक किलो ले बोनोटे की कीमत 50,000 से 90,000 रुपये के मध्य होती है। मतलब कि इतने रुपये में आप भारत में बहुत टन आलू खरीद सकते हैं। ऐसे ले बोनोटे आलू खाने में काफी स्वादिष्ट होता है। इसकी खेती केवल अटलांटिक महासागर में मौजूद फ्रांसीसी द्वीप नोइर्मौटियर पर ही होती है। बतादें, कि ले बोनोटे आलू को हाथ से भी काटा जाता है।

ले बोनोटे का सेवन मक्खन एवं नमक के साथ किया जाता है

इसकी काफी कम पैदावार होती है और यह सिर्फ मई व जून महीने के दौरान ही बाजार में मिलता है। एक किलो ले बोनोटे आलू की बिक्री अब तक सर्वाधिक 90048 रुपये में हुई है। यही कारण है, कि यह ट्रफल्स अथवा कैवियार जैसे बहुत से खाद्य उत्पादों की तुलना में ज्यादा महंगा है। ऐसा कहा जाता है, कि अनूठा स्वाद ले बोनोटे आलू को और ज्यादा महंगा बनाता है। बतादें, कि सामान्य आलू की भांति इसकी सब्जी नहीं बनाई जाती है। ले बोनोटे आलू को पहले पानी में उबाला जाता है। इसके उपरांत मक्खन और नमक के साथ मिलाकर सेवन किया जाता है। ये भी पढ़े: सीड प्लॉट तकनीक से गुणवत्तापूर्ण आलू बीज एवं बेहतरीन उत्पादन हांसिल करें

ले बोनोटे की पारंपरिक विधि से खेती की जाती है

ले बोनोटे आलू की पारंपरिक तरीकों के माध्यम से ही खेती की जाती है। किसान भाई इसकी रोपाई अपने हाथों से ही किया करते हैं। मतलब कि इसकी खेती में मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह आलू सामान्य आलू की अपेक्षा आकार में काफी छोटा होता है। इसका छिलका भी काफी पतला होता है। साथ ही, काफी मुलायम भी होता है। अब ऐसे में आप इसे आसानी से हाथों से भी काट सकते हैं।

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