कैसा होता है रुद्राक्ष का पेड़, जानिए इससे जुड़ी विशेषताएँ

Published on: 06-Jun-2025
Updated on: 06-Jun-2025
Haritaki fruit on tree branch
फसल

भारतवर्ष में रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मुख्यतः धार्मिक अनुष्ठानों, मंत्र जाप और साधना में उपयोग किया जाता है। मान्यता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ था, अतः इसे शिवभक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

रुद्राक्ष का वृक्ष देखने में कैसा होता है?

रुद्राक्ष का वृक्ष एक सदाबहार (evergreen) पेड़ होता है, जिसका वैज्ञानिक नाम Elaeocarpus ganitrus है। यह पेड़ प्रायः 50 से 200 फीट तक ऊँचा हो सकता है। 

भारत में इसके Elaeocarpus वंश की लगभग 35 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसके बीज को ही "रुद्राक्ष" कहा जाता है। यह विशेष रूप से हिमालय क्षेत्र, नेपाल, दक्षिण भारत और कुछ दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में पाया जाता है।

रुद्राक्ष का अर्थ और पौराणिक उत्पत्ति

"रुद्राक्ष" दो शब्दों से मिलकर बना है—"रुद्र" अर्थात भगवान शिव और "अक्ष" यानी आंसू। पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब भगवान शिव ने गहन तपस्या के बाद अपनी आँखें खोलीं, तब उनके आंसुओं से जो बूंदें धरती पर गिरीं, वे रुद्राक्ष के रूप में परिणत हो गईं।

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रुद्राक्ष का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

  • भगवान शिव का प्रतीक: रुद्राक्ष शिवजी के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। शिवपुराण के अनुसार, जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है, उस पर शिवजी की विशेष कृपा बनी रहती है।
  • वास्तु शास्त्र में प्रयोग: इसे घर या कार्यस्थल में रखने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।
  • मंत्र जाप में उपयोग: रुद्राक्ष माला का उपयोग विशेष रूप से ‘ॐ नमः शिवाय’ और महामृत्युंजय मंत्र जैसे शिव मंत्रों के जाप में किया जाता है।

मानसिक, आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ

  • ध्यान व साधना: रुद्राक्ष पहनने या माला से जाप करने से मन शांत होता है और ध्यान में गहराई आती है।
  • तनाव में राहत: यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, जिससे मानसिक तनाव, क्रोध और डर में कमी आती है।
  • स्वास्थ्य लाभ: रुद्राक्ष माला के नियमित उपयोग से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और हृदय संबंधी विकारों में राहत मिलती है। कुछ आयुर्वेदिक औषधियों में भी इसका उपयोग होता है।

रुद्राक्ष के प्रमुख प्रकार

रुद्राक्ष के बीज पर मौजूद खाँचों को "मुख" कहा जाता है। मुखों की संख्या के अनुसार इनके प्रकार और उपयोग तय होते हैं:

  1. 1 मुखी रुद्राक्ष – आत्मज्ञान और एकाग्रता का प्रतीक, ध्यान साधकों द्वारा धारण किया जाता है।
  2. 5 मुखी रुद्राक्ष – स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए सर्वसुलभ और सबसे आम प्रकार।
  3. 7 मुखी रुद्राक्ष – धन, व्यापार और सफलता के लिए उपयुक्त।
  4. 11 मुखी रुद्राक्ष – साहस और आत्मबल बढ़ाने वाला, विद्यार्थियों और नेताओं के लिए लाभकारी।
  5. 14 मुखी रुद्राक्ष – निर्णय क्षमता और सुरक्षा के लिए प्रभावी, साधकों और उच्च पदाधिकारियों द्वारा धारण किया जाता है।

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रुद्राक्ष की कीमत और उपलब्धता

रुद्राक्ष का पेड़ हर स्थान पर आसानी से नहीं उगता, इसलिए इसकी कीमत भी उसके प्रकार और दुर्लभता पर निर्भर करती है। 

आमतौर पर एक असली रुद्राक्ष की कीमत ₹4,000 से शुरू होकर कई हजारों रुपये तक जाती है, विशेषकर एक मुखी और दुर्लभ मुखी रुद्राक्षों की कीमत काफी अधिक होती है।

निष्कर्ष

रुद्राक्ष न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह आध्यात्मिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने में भी सहायक है। यह प्रकृति और अध्यात्म का एक अद्भुत उपहार है, जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आंतरिक शांति लाने में मदद करता है।