जेनेटिकली मॉडिफाइड सरसों क्या है? कैसे इसकी खेती से होगी उत्पादन में वृद्धि?

Published on: 20-Jun-2025
Updated on: 20-Jun-2025
जेनेटिकली मॉडिफाइड सरसों क्या है? कैसे इसकी खेती से होगी उत्पादन में वृद्धि?
फसल नकदी फसल सरसों

भारत में वर्तमान में जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) सरसों की व्यावसायिक खेती पर चर्चा हो रही है, क्योंकि केंद्र सरकार ने इसकी खेती की अनुमति दी है।

यह समझना आवश्यक है कि जीएम सरसों क्या है और इसके लाभ क्या हो सकते हैं। पिछले वर्ष केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी ने जीएम सरसों की खेती को मंजूरी दी, जिससे यह बहस शुरू हो गई।

कई किसान संगठनों, एनजीओ और पर्यावरण संस्थाओं ने इस फैसले का विरोध किया। विरोध करने वालों का मानना है कि जीएम सरसों से भारत की खेती को नुकसान हो सकता है।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का तर्क है कि यह किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है और उत्पादकता में वृद्धि कर सकती है। कई देशों में इसकी खेती सफलतापूर्वक हो रही है।

जेनेटिकली मॉडिफाइड सरसों क्या है?

जीएम सरसों दो विभिन्न प्रकार के पौधों की प्रजातियों को मिलाकर तैयार की जाती है। इसका मतलब है कि यह एक लैब में तैयार की गई हाइब्रिड किस्म है, जिसकी उपज अधिक होती है और रोगों का खतरा कम होता है। ऐसे क्रॉसिंग से बनने वाली पहली पीढ़ी की हाइब्रिड किस्म की उपज मूल किस्मों की तुलना में अधिक हो सकती है।

ये भी पढ़ें: सरसों की फसल में भयानक खरपतवार ओरोबंकी के नियंत्रण उपाय

सरसों के साथ इस प्रकार की क्रॉस-ब्रीडिंग करना कठिन होता है। इसका कारण यह है कि सरसों के फूलों में दोनों प्रजनक अंग होते हैं, इसलिए यह पौधा खुद ही परागण कर सकता है और दूसरे पौधे की आवश्यकता नहीं होती। इस कारण कपास, मक्का या टमाटर की तरह सरसों की हाइब्रिड किस्म बनाना कठिन है।

जीएम सरसों के क्या फायदे है?

1. उत्पादकता में वृद्धि:

जीएम सरसों, विशेष रूप से धारा सरसों हाइब्रिड (DMC-11), फसल की पैदावार को बढ़ा सकती है, जो कि भारत में कम उत्पादकता की समस्या को हल करने में सहायक हो सकता है।

2. आयात पर निर्भरता में कमी:

जीएम सरसों घरेलू स्तर पर सरसों के तेल का उत्पादन बढ़ाकर भारत की आयात निर्भरता को घटा सकती है, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत हो सकती है।

3. फसल की सुरक्षा:

आनुवंशिक संशोधन से कीटों और बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है, जिससे रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता कम हो सकती है और पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा मिल सकता है।

4. तेल की गुणवत्ता में सुधार:

जीएम सरसों को इस प्रकार डिजाइन किया जा सकता है कि यह उच्च गुणवत्ता वाले तेल का उत्पादन करे, जिसमें कम इरुसिक एसिड हो और शेल्फ लाइफ अधिक हो। इससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होता है।

5. संकर किस्मों का विकास:

जीएम सरसों, डीएमएच-11 जैसी किस्में, उच्च उपज वाली और एकरूपता वाली हाइब्रिड किस्मों को विकसित करने में सक्षम होती हैं।