रजनीगंधा और ऑर्किड(orchids) दोनों खूबसूरत फूल हैं जो विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। इन फूलों की खेती देश के हर प्रदेश में संभव है और इससे किसान भाई जबरदस्त पैसे कमा सकते हैं।
राजस्थान का नेशनल पार्क रणथंभौर इन फूलों से महक रहा है। यह नेशनल पार्क बाघों के संरक्षण के लिए जाना जाता है। अब बाघों के संरक्षण के साथ-साथ राज्य का उद्यानिकी विभाग यहां पर फूलों की खेती को भी प्रोत्साहित कर रहा है।
इसके लिए उद्यानिकी विभाग ने आस पास के किसानों को ट्रेनिंग देना शुरू कर दी है। यह ट्रेनिंग रणथंभौर के आस पास के किसानों के साथ-साथ पूरे सवाई माधोपुर जिले के किसानों को दी जा रही है।
इस जिले में पहले से फूलों की खेती की जाती रही है। पहले यह जिला गुलाब की खेती के लिए प्रसिद्ध था। लेकिन अब पूरे जिले में गुलाब की खेती बंद हो गई है।
इस बीच उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि सरकार के द्वारा फूलों की खेती से आस पास के किसानों की आमदनी बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि नर्सरी में खुले में तैयार होने वाले फूलों के पेड़ों के साथ टनल एवं शेडनेट में तैयार होने वाले फूलों के पेड़ों की खेती भी की जा रही है। इनके साथ ही कई विदेशी फूलों के बीज भी मंगवाए गए हैं जिनकी यहां पर खेती की जायेगी।
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इन फूलों का इस्तेमाल होटल के कमरों को सजाने में किया जाता है। इसके अलावा होटल में होने वाली अन्य गतिविधियों में भी फूलों का जबरदस्त इस्तेमाल किया जाता है।
इसलिए सवाई माधोपुर से उत्पादित होने वाले फूलों की लोकल मार्केट में जबरदस्त मांग रहती है। इसके पहले इस मांग को गुलाब के फूलों के द्वारा पूरा किया जाता था।
लेकिन अब गुलाब के फूलों की जगह रजनीगंधा और आर्किड के फूलों ने ले ली है। सवाई माधोपुर जिले में पहले 5 प्रकार के गुलाब के पेड़ उगाए जाते थे।
उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि पहले इस सरकारी नर्सरी का रेवेन्यू शून्य था। लेकिन अब इस नर्सरी का रेवेन्यू 10 लाख रुपये के पार जा चुका है।
स्थानीय लोग इस नर्सरी से फूलों के पौधों के साथ-साथ अन्य पौधे भी ले जाते हैं। जिससे नर्सरी में बिकवाली बढ़ती है और नर्सरी को अतिरिक्त आमदनी होती है।
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सजावट के अलावा फूलों का उपयोग बहुत सारे उत्पादों को तैयार करने में किया जाता है। फूलों की मदद से गुलाब जल, गुलकंद, शर्बत, इत्र, अगरबत्ती आदि तैयार किए जाते हैं।
इससे बाजार में फूलों की मांग बढ़ती है। जिससे किसान भाई ज्यादा से ज्यादा मात्रा में फूलों की खेती करके अच्छा खास लाभ कमा सकते हैं।