योगी सरकार द्वारा जारी की गई नंदिनी कृषक बीमा योजना से देशी प्रजातियों की गायों को प्रोत्साहन मिलेगा

By: MeriKheti
Published on: 31-Jul-2023

उत्तर प्रदेश में शीघ्र ही नंदिनी कृषक बीमा योजना जारी होने वाली है। इससे देशी प्रजातियों की गायों को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, आशा की जा रही है कि योजना राज्य में श्वेत क्रांति लाने का कार्य करेगी। 

उत्तर प्रदेश सरकार एक के पश्चात एक पशुपालक किसानों के लिए लगातार योजनाएं जारी करती आ रही है। इसी कड़ी में एक बार फिर से योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पशुपालकों को तोहफा दिया है। 

राज्य में शीघ्र ही नंदिनी कृषक समृद्धि योजना की शुरुआत होने जा रही है। इसकी जानकारी स्वयं पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रदान की है।

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का आरंभ नंद बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत किया जा रहा है। इसको लेकर मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है, कि नंद बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत प्रदेश में श्वेत क्रांति का आगाज होगा। 

इसके लिए 'नंदिनी कृषक समृद्धि योजना' चालू करने का प्रस्ताव किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत किसानों और पशुपालकों को 25 देशी उन्नतशील प्रजतियों की गायें मुहैय्या कराई जाऐंगी, जिससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी।

इसके साथ-साथ श्वेत क्रांति का सपना साकार हो सकेगा। नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का उद्देश्य देशी प्रजाति को प्रोत्साहन देना एवं कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के माध्यम किसानों और पशुपालकों को आर्थिक तौर पर समृद्ध बनाना है।

उम्मीद व्यक्त की जा रही है, कि यह योजना दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में मील का पत्थर सिद्ध हो सकती है।

नंद बाबा दुग्ध योजना का क्या उद्देश्य है

नंद बाबा दुग्ध मिशन का आरंभ इसी वर्ष 2023 में किया गया है। यह उत्तर प्रदेश के पशुपालकों को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए किया गया है। 

योगी सरकार इस योजना पर 1000 रुपए का बजट आवंटित करेगी। इस मिशन के अंतर्गत वर्तमान में नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का आरंभ होने वाला है।

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नंद बाबा दुग्ध योजना के अंतर्गत पशुपालकों को दूध का समुचित भाव प्रदान किया जाएगा, जिससे किसानो की आमदनी में इजाफा होगा। 

इस योजना के अंतर्गत पशुपालक किसानों के अपने इलाके में दूध को बेचने की समुचित व्यवस्था की जाऐगी। बतादें, कि दूध विक्रय करने का प्रबंध दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियों के जरिए ही किया जाएगा। यानी की फिलहाल पशुपालकों को दूध बेचने के लिए अपने क्षेत्र से कहीं दूर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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