शेर से भी लड़ सकती है यह भैंस, साधारण भैंस से कहीं ज्यादा देती है दूध।

शेर से भी लड़ सकती है यह भैंस, साधारण भैंस से कहीं ज्यादा देती है दूध।

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देश की सुदृढ़अर्थव्यवस्था के लिए खेती करने के साथ-साथ पशुपालन का भी बहुत ही अहम योगदान होता है। किसान खेती के साथ-साथ बड़ी संख्या में गाय भैंस और बकरी का पालन करके अच्छी खासी आमदनी प्राप्त करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन से किसानों को बहुत ही फायदा होता है। किसान गाय, भैंस और बकरी का दूध बेचकर बढ़िया मुनाफा अर्जित करते हैं।

जाफराबादी नस्ल की भैंस आजकल किसानों के बीच बेहद लोकप्रिय है, यह भैंस अपनी ताकत और दूध देने की क्षमता के लिए काफी प्रसिद्ध है। मजबूत कद काठी वाली यह भैंस अधिक मात्रा में दूध देती है, इस के दूध में 8% से भी अधिक पोषण होता है, जिससे पीने वाले के शरीर को मजबूती मिलती है। माना तो यह भी जाता है, कि इस भैंस के अंदर इतनी ताकत होती है, कि यह शेरों से भी भिड़ सकती है।

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इस नस्ल की भैंस मुख्य तौर पर गुजरात में पाई जाती हैं।

गुजरात के गिर जंगलों से ताल्लुक रखने वाला जफराबादी नस्ल की यह भैंस रोजाना 30 से 35 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है यानी हर महीने यह भैंस हजार लीटर से भी ज्यादा दूध देती है। दूध का व्यापार करने वाले किसानों के लिए जाफराबादी भैंस काफी उपयुक्त मानी जाती है। जो किसान डेयरी का काम करते हैं, उनके लिए इस नस्ल की भैंस अच्छी कमाई का स्रोत बन सकती है। पशु पालन करने वाले किसानों के लिए सरकार के द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। यह भैंस सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए जानी जाती है, इस के दूध में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी होती है।

डेरी फार्मिंग छोटे/सीमांत किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए सहायक आय का एक अनिवार्य स्रोत है। दूध के अलावा जानवरों की खाद मिट्टी की उर्वरकता और फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए कार्बनिक पदार्थों का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। भैंस फार्म का संचालन करना लगभग सभी मसौदा शक्ति की आपूर्ति करते हैं, क्योंकि कृषि अधिकतर आवधिक होती है। इसीलिए भैंस डेयरी फार्मिंग के माध्यम से अनेक व्यक्तियों को रोजगार मिलने की संभावना अधिक रहती है।

जो किसान इस नस्ल की भैंस का पालन करके डेयरी व्यवसाय के माध्यम से अच्छी खासी आय अर्जित करना चाहते हैं। उन्हें अपने नजदीकी डेयरी फार्म और कृषि विश्वविद्यालय/ सैनी डेयरी फार्मों का दौरा करना चाहिए और डेयरी फार्मिंग की लाभप्रदता पर चर्चा करनी चाहिए। क्योंकि इस तरह के नस्लों वाली भैंस को पालने के लिए एक अच्छा व्यवहारिक प्रशिक्षण और विशेषज्ञता अत्यधिक जरूरी होती है।

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जाफराबादी भैंस का विशेष तौर पर ख्याल रखना होता है, इसके आहार और आराम का ख्याल रखना बेहद जरूरी माना जाता है। जो किसान इस नस्ल की भैंस का पालन करते हैं, उन्हें इसके आहार में संतुलन बनाए रखना अनिवार्य होता है। तोजो किसान पशुपालन में अपनी रुचि रखते हैं, उन्हें जाफराबादी नस्ल के भैंस को जरूर पालना चाहिए।

मजबूत कद काठी वाली यह भैंस 1 महीने में हजार लीटर से भी ज्यादा दूध देती है। किसान इस भैंस का दूध निकाल कर डायरेक्ट बाजार में बेचकर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं, इसके बच्चे भी बहुत ही जल्दी तैयार हो जाते है। इन्हें भी बेचकर किसान बढ़िया मुनाफा अर्जित कर सकते हैं, कुल मिलाकर बात करें तो जाफराबादी भैंस के पालने से आप लाखों का मुनाफा अर्जित कर सकते हैं।

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