उत्तर प्रदेश के मौसम में बदलाव और बारिश की संभावना

By: Merikheti
Published on: 10-Jan-2024

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि कड़कड़ाती सर्दी का मौसम चल रहा है। किसानों को खेती–किसानी में बहुत सारी समस्याएं आती हैं। ऐसी स्थिति में यदि बारिश हो जाए तो ये समस्या और बढ़ जाती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में आगामी एक–दो दिन में बारिश की संभावना है। अब ऐसे में कृषकों के लिए कुछ खास बातें हैं, जिनका विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आगरा, हाथरस, अलीगढ़ और समीपवर्ती हिस्सों में बारिश होने की संभावना है।


पौधों में रोग ना लगे इसके लिए क्या करें ?

विगत बहुत सारे महीनों से तैयार फसल में कृषकों की काफी लागत और अथक परिश्रम लगी है। अब ऐसी स्थिति में किसान अपनी फसल को लेकर काफी फिक्रमंद हैं। फसल को बचाने के लिए सबसे आवश्यक है, कि प्रतिदिन खेती की निगरानी की जाए। यदि पौधे के पत्ते में कोई रोग नजर आए, तो तुरंत उखाड़कर जमीन के अंदर दबा दें। यदि अधिक रोग नजर आए तो तुरंत विशेषज्ञों का मशवरा लें और सावधानी के लिए एक फफूंद नाशक का छिड़काव कार्बेंडाजिम मैनाकोजेब अथवा फिर मेटलैक्सिल और मैंकोजेब का छिड़काव भी कर सकते हैं। 

  ये भी पढ़ें: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया 

आलू की फसल में झुलसा के लिए अनुकूल मौसम है, तो इना फंगीसाइड का 2 ग्राम प्रति लीटर में छिड़काव अवश्य कर दें। अगर सरसों की फसल में सफेद पत्ती धब्बा रोग होता है, तो 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में कॉपर ऑक्सीक्लोराइड अथवा कार्बेंडाजिम मैनाकोजेब का छिड़काव करें।


ये काम भूलकर भी ना करें 

अगर आपके इलाके में बारिश होने की संभावना है, तो सिंचाई ना करें। खेत में ज्यादा नमी होने पर सब्जियों वाली फसलों को प्रमुख रूप से नुकसान हो सकता है। वहीं, बहुत सारी बीमारियां लग सकती हैं। बतादें, कि रोगाणु, कीटनाशक अथवा खरपतवार नााशक का छिड़काव सबसे बेहतर है, जब धूप खुली होती है। अगर कोहरा और बादल छाए हुए हैं और बारिश की संभावना है तो कीटनाशक छिड़काव से भी बचें। 


ये भी पढ़ें: किसान दे ध्यान इन कीटनाशक का अब नही होगा प्रयोग, सरकार ने लगा दिया प्रतिबंध 


यदि फसल में फूल आ गए हैं, तो किसी तरह के रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग से बचें। किसी भी फसल में फूल आ रहे हैं। वहां रासायनिक छिड़कावों का उपयोग ना करें। फूल की ग्रोथ (बढ़वार) काफी रुक जाऐगी। फूल झड़ जाऐंगे, जिससे दाने और फल नहीं बन पाऐंगे। ऐसी स्थिति में प्राकृतिक तरीकों, धुआं, नमी, नीम का तेल और कंडों की राख का उपयोग करें। इसके अतिरिक्त खेत में मधुमक्खियां पाल रखी हैं और वो उधर आती हैं तो दिन के वक्त रासायनिक छिड़काव नहीं करें वर्ना वो मर जाऐंगे। शाम को मधुमक्खियां छत्तों में लौट आती हैं उस समय इस्तेमाल करें। 

श्रेणी