कपास की खेती किसान भाइयों को मोटा मुनाफा दिला सकती है

By: MeriKheti
Published on: 13-Dec-2023

कपास यानी कि रुई की खेती के जरिए किसान भाई शानदार मुनाफा हांसिल कर सकते हैं। किसान भाई रुई की बाजार में बिक्री करके शानदार मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। किसान भाई रुई की खेती कर बेहतरीन फायदा अर्जित कर सकते हैं। किसान भाइयों को कपास की खेती करने के लिए किन बातों का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। कपास की खेती करने के लिए भूमि को बेहतर ढ़ंग से ध्यान रखना होगा। कपास की खेती के लिए भूमि को शानदार तरीके से एकसार करना आवश्यक है। कृषक भाई इसमें पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद डालें। कपास की बिजाई के लिए बीज की गुणवत्ता एवं भूमि की उर्वरकता पर विचार करें। अक्सर प्रति एकड़ 10 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ती है। बीज को 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई पर लगाएं। रुई की फसल को एक बेहतरीन सिंचाई चाहिए। पहली सिंचाई 10-15 दिनों के पश्चात करें। इसके उपरांत आवश्यकतानुसार पानी डालते रहें। कपास की फसल से बेहतरीन उपज लेने के लिए पर्याप्त खाद एवं उर्वरक की आवश्यकता होती है।

खरपतवार नाशक का स्प्रे बेहद आवश्यक है 

बुवाई के दौरान प्रति एकड़ 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस एवं 40 किलोग्राम पोटाश डालें। 20 से 25 दिनों के पश्चात प्रति एकड़ 10 किलोग्राम नाइट्रोजन डालें। 40 से 50 दिनों के पश्चात प्रति एकड़ 10 किलोग्राम नाइट्रोजन डालें। खरपतवार की रोकथाम: कपास की फसल खरपतवार से पीड़ित हो सकती है। खरपतवारों को दूर करने के लिए खरपतवार नाशक का छिड़काव करें। 

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कपास के क्या-क्या लाभ हैं 

कपास यानी रुई एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है। किसान भाई रुई को मार्केट में बेचकर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। रुई से सूती कपड़ा, धागा और रस्सी इत्यादि तैयार किए जाते हैं। 

कपास यानी रुई को धूप में सुखाना बेहद आवश्यक है

कपास की फसल को कई रोग तथा कीट लग सकते हैं। किसान भाई वक्त-वक्त पर फसल की जांच अवश्य करें, रोग एवं कीटों को भी नियंत्रित करें। आवश्यकता के मुताबिक, रोग नाशक तथा कीटनाशक का छिड़काव कराएं। रुई 120 से 130 दिनों के समयांतराल में पक जाती है। जब फसल पक जाए, तो कटाई करें। कटाई करने के बाद कपास को धूप में सूखने दें।

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