किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से केंद्र एवं राज्य सरकारें अपने अपने स्तर से कोई न कोई कल्याणी कदम उठाती रहती हैं। कृषकों को उनकी फसल का अच्छा दाम दिलाने के लिए सरकार ने ई-नाम (E-nam) योजना घोषित की है।
सरकार का प्रयास लगातार किसानों को डिजिटल तकनीक से जोड़ना है। जिसके लिए अभी तक कई कदम उठाए जा चुके हैं। उन्हीं कदमों में से एक e-NAM (National Agriculture Market) भी है।
किसानों को ई-नाम पोर्टल से डिजिटली जोड़कर सरकार उनको शानदार मूल्य प्रदान कर रही है। यह प्लेटफॉर्म किसानों को देश भर के व्यापारियों तक पहुंच प्रदान करता है, जिससे उन्हें सबसे अच्छी कीमत प्राप्त होती है।
ई-नाम योजना के माध्यम से किसान अपनी फसल को ऑनलाइन बेच सकते हैं, जिससे उन्हें अच्छे भाव मिल सकते हैं। साथ ही, किसानों को मंडियों के चक्कर काटकर परेशान होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
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किसानों को अपनी फसल के लिए उचित कीमत मिलती है। क्योंकि वह देश भर के व्यापारियों से बोली करा सकते हैं। किसानों को मंडी जाने के लिए समय और धन की बचत होती है।
ई-नाम पूर्ण रूप से पारदर्शी है, जिससे किसानों को धोखाधड़ी का सामना नहीं करना पड़ता है। किसान अपने मोबाइल या कंप्यूटर से घर बैठे अपनी फसल को बाजार में बेच सकते हैं।
योजना का लाभ लेने के लिए किसान को सर्वप्रथम e-NAM पोर्टल पर पंजीकरण करना पड़ेगा। पंजीकरण के बाद किसान को अपनी फसल की संपूर्ण जानकारी जैसे कि किस्म, मात्रा, गुणवत्ता आदि देनी होगी। किसान अपनी फसल को नीलामी के लिए रख सकते हैं।
जब कोई व्यापारी किसान की फसल खरीदना चाहता है, तो वह ऑनलाइन बोली लगाता है। फसल की बिक्री होने के बाद किसान को भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में कर दिया जाता है।
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ई-नाम योजना के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, जमीन का दस्तावेज, फसल का उत्पादन प्रमाण पत्र का होना अत्यंत आवश्यक है।
साथ ही, योजना की विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने क्षेत्र के कृषि विभाग से संपर्क करके e-NAM के बारे में अधिक जानकारी हांसिल कर सकते हैं। इसके अलावा किसान भाई e-NAM की आधिकारिक वेबसाइट पर भी जाकर जानकारी जुटा सकते हैं।