नए साल में किसानों के लिए सरकार जारी करेगी हेल्पलाइन नंबर

Published on: 29-Dec-2024
Updated on: 29-Dec-2024
A cheerful Indian farmer wearing a red scarf, talking on a mobile phone while standing in a lush green agricultural field, symbolizing the adoption of modern technology in farming
समाचार सरकारी योजनाएं

नरेंद्र मोदी सरकार 2025 में किसानों के लिए एक ही टोल-फ्री नंबर लॉन्च करेगी। इसके लिए दिल्ली-एनसीआर में 100 सीटों वाला कॉल सेंटर बनाया जाएगा।

सीएनएन-न्यूज18 को मिली जानकारी के अनुसार, यह प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू हो जाएगा। इससे एक ही हेल्पलाइन नंबर पर किसानों की शिकायतों का समाधान किया जा सकेगा।

किसान केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से संचालित की जा रही कृषि योजनाओं से संबंधी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

साथ ही, इस नंबर पर ही शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। इससे केंद्र सरकार को समय पर किसानों की शिकायतों को दूर कर अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी।

एमएसपी पर गारंटी की मांग के बीच अहम फैसला

यह कदम पंजाब और हरियाणा के किसानों की ओर से एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग के बीच अहम है।

अब तक के अनुभव के अनुसार, पीएम-किसान एक और बड़ी योजना है जिसको लेकर किसान बहुत सी शिकायतें दर्ज कराते हैं।

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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अगस्त में सबसे पहले ऐसी हेल्पलाइन बनाने की योजना की घोषणा की थी।

उनका मंत्रालय अब अगले साल की शुरुआत में परियोजना के लिए बोली लगाने की योजना बना रहा है। दूरसंचार कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड ने परियोजना को क्रियान्वित करने में रुची व्यक्त की है।

जानिए हेल्पलाइन नंबर कैसे काम करेगा?

किसानों की शिकायतों के निवारण के लिए हेल्पलाइन नंबर हफ्ते के सभी सातों दिन सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक सभी टेलीकॉम नेटवर्क के लैंडलाइन के साथ-साथ मोबाइल नंबरों पर भी उपलब्ध होगा।

टोल-फ्री नंबर किसानों को 22 आधिकारिक भाषाओं में शिकायतें दर्ज कराने में सक्षम बनाएगा। यानी किसान 22 भाषाओं में अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे।

यह सेवा किसानों और अधिकारियों के बीच फसलों या पशुधन को प्रभावित करने वाली चेतावनी वाली स्थितियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के एक उपकरण के रूप में भी काम करेगी।

किसान शिकायत निवारण प्रणाली का केंद्र कहां होगा?

किसान शिकायत निवारण प्रणाली दिल्ली-एनसीआर में स्थापित की जाएगी। किसान जब भी किसी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से कॉल करेंगे तो उनकी कॉल उस राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के लिए नियुक्त शिकायत टेली सलाहकार (जीटीए) के पास किसान शिकायत निवारण प्रणाली में जाएगी।

कृषि मंत्रालय के विभिन्न प्रभागों के अधिकारी बेतरतीब ढंग से चुने गए किसानों से बात कर सकें और उनके द्वारा सुलझाई गई शिकायतों पर प्रतिक्रिया ले सकेंगे, इसके लिए कृषि भवन, नई दिल्ली स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में एक आउटबाउंड कॉल सुविधा स्थापित की जाएगी।