Papaya Cultivation: किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से बिहार सरकार बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। राज्य सरकार ने “पपीता विकास योजना” को स्वीकृति दे दी है, जिसे एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के तहत लागू किया जाएगा। इस योजना में राज्य के 22 जिलों के किसानों को प्रति हेक्टेयर 45,000 रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि यह योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2026-27 तक लागू रहेगी। इस पर लगभग 1.50 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है। पहले साल (2025-26) में 90.45 लाख रुपये की राशि की स्वीकृति दी गई है।
कृषि मंत्री के अनुसार, अनुदान का भार केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर उठाएंगी। इसमें 40% अनुदान केंद्र और 40% राज्य देगी। इसके अलावा, राज्य योजना मद से 20% अतिरिक्त टॉप-अप अनुदान मिलेगा। इस तरह किसानों को कुल 60% सब्सिडी प्राप्त होगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है – किसानों की आमदनी बढ़ाना, उत्पादन क्षेत्र का विस्तार और पपीते की उत्पादकता में सुधार।
पपीते की खेती के लिए 2.2 मीटर दूरी पर पौधारोपण का प्रावधान है। प्रति हेक्टेयर करीब 2,500 पौधों की आवश्यकता होगी।
यह योजना बिहार के 22 जिलों में लागू होगी, जो पपीते की खेती के लिए उपयुक्त हैं। इनमें शामिल हैं – भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, लखीसराय, मधेपुरा, बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, गया, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पटना, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, मधुबनी और वैशाली। इन जिलों के किसान ऑनलाइन आवेदन कर लाभ ले सकते हैं।
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को horticulture.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करते समय आवश्यक दस्तावेज होंगे –
यह योजना पपीते जैसी नकदी फसलों को बढ़ावा देकर किसानों की नियमित और अधिक आय सुनिश्चित करेगी। कम समय में बेहतर मुनाफा मिलने के कारण यह योजना किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी और बिहार को बागवानी क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।
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