भारत विभिन्न गायों की नस्लों का घर है और यह अपनी जीवंत संस्कृति और विविध भू-प्राकृतिक स्वरूपों के लिए प्रसिद्ध है।
सदियों से मवेशी भारतीय कृषि और ग्रामीण जीवन का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
प्रत्येक नस्ल की अपनी अनोखी विशेषताएँ और महत्व होते हैं। इस ब्लॉग में हम भारत में पाई जाने वाली कुछ प्रमुख गाय की नस्लों का विस्तार से अध्ययन करेंगे।
भारत में मवेशियों को आमतौर पर दूध और दुग्ध उत्पादों के लिए पाला जाता है। हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना गया है और इसे मारा नहीं जाता। ज़ेबू (Zebu) नस्ल की गायें मुख्य रूप से भारत और एशिया, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
भारतीय गायों का वैज्ञानिक नाम Bos indicus है और यह Bovidae परिवार से संबंधित हैं। भारतीय गायों की नस्लों ने भारतीय लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और निभा रही हैं।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में लगभग 50 गायों की नस्लें हैं, जिनमें दुग्ध उत्पादक, कार्य के लिए और दोनों कार्यों के लिए उपयुक्त नस्लें शामिल हैं।
ये भी पढ़ें: भारतीय गाय नस्लों का वर्गीकरण और उनके अनूठे गुण
भारत में गायों की नस्लों को मुख्यतः उनके पालन के उद्देश्य के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। इस वर्गीकरण के अनुसार, भारत में गायों की नस्लों के प्रकार हैं:
इन नस्लों की गायें अधिक मात्रा में दूध देती हैं, जबकि इनके बैल कमजोर श्रमिक होते हैं। भारतीय दुग्ध नस्लों में साहीवाल, रेड सिंधी, गिर और थारपारकर शामिल हैं। ये नस्लें आम तौर पर 1600 किलोग्राम से अधिक दूध देती हैं।
इन नस्लों की गायें औसत मात्रा में दूध देती हैं और बैल श्रम के लिए उपयुक्त होते हैं। ये नस्लें प्रति बार प्रसव में 500 से 1500 किलोग्राम दूध देती हैं। उदाहरण: हरियाणा, कांकरेज, थारपारकर।
इन नस्लों की गायें औसतन प्रति बार प्रसव में 500 किलोग्राम से कम दूध देती हैं, लेकिन बैल मजबूत श्रमिक होते हैं। ये आमतौर पर सफेद रंग की होती हैं।
जोड़ी में बैल 1000 किलोग्राम तक भार खींच सकते हैं और दिन में 30-40 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं। इस श्रेणी में हल्लिकर, उम्बलाचेरी, अमृतमहल, कंगायम जैसे उदाहरण शामिल हैं।
ये भी पढ़ें: अमृतमहल गाय: भारत की ऐतिहासिक नस्ल, जानें खासियत और उपयोगिता
ये भी पढ़ें: राठी गाय: एक अमूल्य भारतीय नस्ल
ये भी पढ़ें: गंगातीरी गाय कहाँ पाई जाती है और किन विशेषताओं की वजह से जानी जाती है