धान उत्पादक किसान ने महज 45 दिन के अंदर अगस्त माह में ही धान की कटाई कर मिशाल पेश की

By: MeriKheti
Published on: 21-Aug-2023

किसान संजय सिंह का कहना है, कि जायद सीजन में धान की खेती करना किसान भाइयों के लिए काफी लाभकारी रहेगा। क्योंकि इस सीजन में खेती करने पर जल की बर्बादी नहीं होती है। बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां पर जुलाई के अंतिम सप्ताह तक कई किसान धान की रोपाई ही कर रहे थे। परंतु, आज हम आपको एक ऐसे किसान से मिलवाएंगे, जिन्होंने अगस्त माह में ही धान की कटाई चालू कर दी। मुख्य बात यह है, कि इन्होंने एक एकड़ भूमि में इंडिया गेट धान की खेती की थी। इससे लगभग 16 क्विंटल के आसपास इंडिया गेट धान की पैदावार हुई है। वर्तमान में इस किसान की चर्चा संपूर्ण जनपद में हो रही है। वे लोगों के लिए एक नजीर बन गए हैं। समीपवर्ती क्षेत्रों के किसान इनसे खेती के गुण सीखने आ रहे हैं।

धान उत्पादक किसान संजय सिंह कहाँ के मूल निवासी हैं

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि संजय सिंह कैमूर जनपद के बगाढ़ी गांव के निवासी हैं। उन्होंने एक एकड़ भूमि में गरमा धान का उत्पादन किया था। विशेष बात यह है, कि संजय सिंह विगत दो वर्ष से इंडिया गेट धान का उत्पादन कर रहे हैं। परंतु, इस बार उन्होंने जायद सीजन में इसकी खेती करने का निर्णय किया और उन्हें काफी हद तक इसमें सफलता भी प्राप्त हुई। संजय सिंह ने बताया है, कि गरमा धान की खेती करने में खरीफ सीजन की तुलना में कम खर्चे हुए। साथ ही, पानी की बर्बादी भी काफी कम हुई है। वे धान की बेहतरीन पैदावार से काफी उत्साहित हैं। उन्होंने बताया है, कि आगामी वर्ष वे 10 एकड़ में धान की खेती करेंगे।

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फसल केवल 45 दिन के अंदर पककर तैयार हो गई

संजय सिंह ने बताया है, कि गरमा धान की खेती करने का विचार उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर से मिला है। वहां पर उन्होंने किसानों को जायद सीजन में धान की खेती करते हुए पाया। इसके पश्चात उन्होंने अपने गांव में आकर गरमा धान की खेती चालू कर दी। उन्होंने बताया कि अप्रैल माह में इंडिया गेट धान की नर्सरी तैयार करने के लिए बुवाई की थी। साथ ही, मई माह के अंतिम सप्ताह में इसकी रोपाई की गई। संजय सिंह की माने तो केवल 45 दिन में ही फसल पककर तैयार हो गई थी। परंतु, बारिश के कारण इसकी कटाई करने में 20 दिनों का विलंभ हुआ। इसकी वजह से अगस्त माह में धान काटना पड़ा।

चावल विक्रय कर एक लाख रुपये तक की आमदनी कर सकते हैं

किसान संजय सिंह ने बताया है, कि जायद सीजन में महज दो बार ही धान की फसल की सिंचाई करनी होती है, जिससे कि खेत के अंदर नमी बनी रहे। साथ ही, खेती के ऊपर खर्चा भी कम आता है। उनके बताने के अनुसार जायद सीजन की सबसे बड़ी विशेषता यह है, कि मात्र 45 से 50 दिनों में ही फसल पूर्णतय पककर तैयार हो जाती है। इस प्रकार धान की फसल को तैयार होने में करीब 130 से 140 दिन लग जाते हैं। उन्होंने बताया है, कि 16 क्विंटल धान में लगभग 11 क्विंटल तक चावल का उत्पादन होगा। वर्तमान में 1000 रुपये में 10 किलो इंडिया गेट चावल आ रहा है। इस प्रकार वे 1100 किलो चावल बेचकर एक लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी कर सकते हैं।

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