पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश ने फेरा किसानों की उम्मीद पर पानी

Published on: 10-Oct-2022

दो दिन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मूसलाधार बारिश ने किसानों की चिंता को बेहद बढ़ा दिया है, क्योंकि अत्यधिक बारिश की वजह से किसानों की बाजरे और धान की फसल के साथ साथ अन्य फसल भी बहुत गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। इसमें आगरा, मथुरा, अलीगढ आदि क्षेत्र बेहद संकट से जूझ रहे हैं जहां हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों का कहना है कि उनकी फसल लगभग ६० से ८० प्रतिशत तक ख़राब हो चुकी है, साथ ही उनके आय का साधन भी जलमग्न हो चुका है।

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मथुरा जिले के हसनपुर ग्राम पंचायत में हरेंद्र चौधरी नामक किसान ने बताया है कि उन्होंने खुद की भूमि के अतिरिक्त १०० बीघे भूमि में धान की फसल उगाई हुई थी, जिसको उन्नत रूप से अर्जित करने के लिए उन्होंने सबसे महंगे व अच्छे उर्वरकों का उपयोग किया। फसल भी अच्छी हुई, लेकिन आकस्मिक भारी बरसात ने उनकी सारी मेहनत और लागत को चौपट कर दिया। हरेंद्र ने आँखों में आंसू लाते हुए मेरीखेती के संवाददाता से कहा कि उन्होंने इस फसल के उत्पादन के लिए कर्ज लेकर बीज, उर्वरक इत्यादि की पूर्ति की थी, अब लागत को भी फसल से निकालना असंभव हो गया है, यह कहकर किसान फूटफूट कर रोने लगा। Farmer Harendra in front of damaged crops

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पीड़ित किसानों ने की आर्थिक सहायता की मांग

बारिश के कहर से किसान आर्थिक संकट के शिकंजे में आ गए हैं, ऐसे में किसानों को उनकी फसल से होने वाले मुनाफे की उम्मीद टूट चुकी है। किसानों में दुःख की लहर है। अब किसानों की उम्मीद सरकार से आर्थिक सहायता के भरोसे ही है। किसानों का कहना है कि उनकी फसल में ६० से ८० प्रतिशत नुकसान है जिसकी भरपाई के लिए किसान लगातार सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

यह क्षेत्र हुए बारिश के चलते अत्यधिक प्रभावित

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिले मूसलाधार बारिश से बेहद प्रभावित हुए हैं जिसमें आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, गौतम बुद्ध नगर आदि जनपद अच्छे खासे नुकसान की चपेट में आ गए हैं। इनमें से कई क्षेत्रों में फसल १०० प्रतिशत बर्बाद हो गयी है, जिसमे लेश मात्र भी आय की कोई उम्मीद नहीं बची है।

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