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हर किसान के घर-घर पहुंचेगी पंजाब सरकार, 31 मार्च तक तैयार हो जाएगी नीति

Published on: 25-Jan-2023

आजकल हमारे देश में एग्रीकल्चर ग्रोथ (Agriculture Growth) को लेकर बढ़ा चढ़ाकर प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत सभी राज्य किसानों की खेती-बाड़ी को प्रोत्साहित करते हैं। भारत में पंजाब एक ऐसा राज्य है, जो हमेशा से ही अपने लहलहाते खेतों और फसलों के लिए अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखता है। पंजाब की काफी ज्यादा आबादी कृषि से जुड़ी हुई है और इसीलिए यहां कि राज्य सरकार किसानों की मदद करने के लिए समय-समय पर कृषि से जुड़ी हुई कोई ना कोई योजनाएं आती रहती है।

पंजाब में 31 मार्च तक तैयार होगी नई कृषि नीति

पंजाब सरकार काफी समय से किसानों को समृद्ध बनाने के लिए और कृषि के और ज्यादा उन्नत तरीके अपनाने के लिए प्रयासरत रही है। फिलहाल राज्य सरकार पंजाब के लिए नई कृषि नीति तैयार करने में लगी हुई है। 31 मार्च तक कृषि नीति के पूरा हो जाने की तिथि दी गई है। पंजाब सरकार किसानों को समृद्ध बनाने और कृषि क्षेत्र को उन्नत करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। ये भी देखें: डीएसआर तकनीकी से धान रोपने वाले किसानों को पंजाब सरकार दे रही है ईनाम रिपोर्ट की मानें तो इस बार पंजाब सरकार पूरी तरह से ग्राउंड लेवल पर काम करना चाहती है और अपनी नीतियों में इस तरह से बदलाव करेगी कि वह हर एक किसान से सीधे तौर पर जुड़ सकें। नई कृषि नीति को लेकर पंजाब सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इससे जुड़े हुए सदस्यों की लिस्ट भी जारी कर दी गई है। यह नीति बनाने के लिए 11 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई है। राज्य सरकार के अनुसार, कमेटी में सचिव कृषि राहुल तिवारी को मैंबर, चेयरमैन पंजाब राज्य किसान और कृषि श्रमिक आयोग डॉ. सुखपाल सिंह को कनवीनर, वाइस चांसलर पी.ए.यू. लुधियाना डॉ. एस.एस. गोसल, वाइस चांसलर गुरु अंगद देव वेटरिनरी एंड एनिमल साईंसेज यूनिवर्सिटी लुधियाना डॉ. इंद्रजीत सिंह, अर्थशास्त्री डॉ. सुच्चा सिंह गिल, पूर्व वाइस चांसलर पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला डॉ. बी.एस. घुम्मण, पूर्व डॉयरैक्टर बागबानी पंजाब डॉ. गुरकंवल सिंह, सलाहकार पंजाब जल नियंत्रण और विकास अथॉरिटी राजेश वैशिष्ट, पूर्व डॉयरैक्टर कृषि पंजाब डॉ. बलविन्दर सिंह सिद्धू, प्रधान पी.ए.यू. किसान क्लब अमरिंदर सिंह और चेयरमैन पनसीड महेंद्र सिंह सिद्धू आदि को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।

किस क्षेत्र में करेगी सरकार काम

पंजाब के कृषि मंत्री ने बताया कि, पंजाब सरकार कृषि में ग्रोथ के लिए कई बिंदुओं पर काम करेगी। इनमें जमीनी पानी, मिट्टी की सेहत और भौगोलिक स्थितियों को प्रमुख रूप से ध्यान रखा गया है। माना जा रहा है, कि नई कृषि नीति लागू होते हैं किसानों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आएगा और साथ ही कृषि पैदावार में भी गुणवत्ता, निर्यात और कृषि विभिन्नता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

बासमती चावल के निर्यात को तैयार होगी नई रणनीति

पूरे पंजाब में बासमती चावल उगाया जाता है और ऐसा कहा जाता है कि यह चावल पंजाब की पहचान है। यहां पर बासमती चावल काफी ज्यादा मात्रा में उगाया जाता है। इस बासमती चावल को वैश्विक पटल पर चमकाने के लिए राज्य सरकार काम कर रही है। इस नई कृषि नीति में बासमती को परमल धान के विकल्प के तौर पर अपनाने और बासमती निर्यात को प्रोत्साहित करने के प्रस्ताव के रूप में भी शामिल किया जाएगा। ये भी देखें: पूसा बासमती चावल की रोग प्रतिरोधी नई किस्म PB1886, जानिए इसकी खासियत

जहर मुक्त कृषि मॉडल देगी पंजाब सरकार

पंजाब सरकार का कहना है, कि पंजाब में पर्यावरण को लेकर काफी समस्याएं सामने आ रही हैं। केमिकल आदि से तैयार की गई फसने खाने से लोगों की सेहत पर सीधा असर पड़ रहा है और साथ ही यह सभी चीजें पर्यावरण को भी पूरी तरह से प्रभावित करती हैं। जमीन की उर्वरकता घटी है। उपजाऊ भूमि अब गैर-उपजाऊ भूमि में बदल रही है। जमीन का पानी जहरीला हो रहा है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने जहर मुक्त कृषि मॉडल लाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।

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