खरीफ फसलों में कातरा कीट का खतरा: कृषि विभाग ने दिए नियंत्रण के सुझाव

Published on: 11-Aug-2025
Updated on: 11-Aug-2025
Hairy caterpillar pest damaging maize, millet, paddy, and sugarcane crops
फसल

मौजूदा मौसम में नमी और बादल छाए रहने के कारण खरीफ फसलों पर कीट एवं रोगों के प्रकोप की संभावना बढ़ गई है। अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है कि किसान समय रहते कीटों की पहचान कर उचित उपाय अपनाएं।

इसी दिशा में अजमेर जिले के कृषि विभाग ने चेतावनी जारी की है कि इस समय खाद्यान्न और दलहनी फसलों में कातरा कीट (Spodoptera) का हमला हो सकता है।

फसलों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है कातरा कीट

संयुक्त निदेशक कृषि संजय तनेजा के अनुसार, मानसूनी वर्षा के साथ ही कातरा कीट के पतंगे मिट्टी से बाहर आने लगते हैं। यदि समय रहते इन्हें नष्ट कर दिया जाए, तो इनके लार्वा से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टाला जा सकता है।

यह कीट अपनी प्रारंभिक अवस्था में पत्तियों की निचली सतह को खुरचते हैं जिससे उन पर पतले, पपीते जैसे धब्बे बन जाते हैं। विकसित लार्वा पत्तियों के साथ-साथ फूलों और फलों को भी खा जाते हैं, जिससे फसल की उपज प्रभावित होती है।

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किसान इन उपायों से करें कातरा कीट का नियंत्रण

कृषि अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि कातरा कीट को नियंत्रित करने के लिए यांत्रिक और रासायनिक दोनों तरीकों का सहारा लिया जा सकता है।

यांत्रिक नियंत्रण उपाय:

  • खेत में अंडों और लार्वा को एकत्र कर हाथ से नष्ट करें।
  • वयस्क पतंगों को नियंत्रित करने हेतु लाइट ट्रैप का इस्तेमाल करें।
  • खेतों के आस-पास के चारागाह और बंजर भूमि में उगे जंगली पौधों को हटाएं तथा कीटों की आवाजाही रोकने के लिए गमन दिशा में खाइयाँ खोदें।

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रासायनिक नियंत्रण उपाय:

  • जब कातरा कीट का प्रकोप आर्थिक हानि स्तर (ETL) से ऊपर हो, तब कीटनाशकों का प्रयोग करें।
  • प्रारंभिक अवस्था के कीटों पर नियंत्रण हेतु क्यूनालफॉस 1.5% चूर्ण की 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर दर से भुरकाव करें।
  • यदि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो तो क्यूनालफॉस 25 ई.सी. की 625 मिलीलीटर या क्लोरोपायरीफॉस 20 ई.सी. की एक लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।