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गेहूं की टॉप पांच बायो फोर्टिफाइड प्रजातियां इस प्रकार हैं

Published on: 22-Nov-2023

गेहूं की ये टॉप पांच बायो फोर्टिफाइड किस्में देश के अधिकांश राज्यों के किसानों के लिए उपयुक्त हैं। गेहूं की ये समस्त किस्में 117 से 150 दिनों के अंतर्गत पक जाती है। साथ ही, किसान इनसे प्रति हेक्टेयर 76 क्विंटल तक उत्पादन हांसिल कर सकते हैं। गेहूं की फसल से ज्यादा फायदा अर्जित करने के लिए किसान को इनकी नवीनतम उच्च पैदावार देने वाली किस्मों का चुनाव करना चाहिए। इसी कड़ी में आज हम भारत के कृषकों के लिए गेहूं की बायो फोर्टिफाइड किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं, जो कम खर्चा में कम समय में ज्यादा उत्पादन देने में सक्षम है। दरअसल, जिन किस्मों के बारे में हम बात कर रहे हैं, ये समस्त किस्में 117 से 150 दिनों के समयांतराल में पककर तैयार हो जाती है। वहीं, ये किस्में प्रति हेक्टेयर 76 क्विंटल तक उत्पादन देती हैं।

गेहूं की टॉप पांच बायो फोर्टिफाइड प्रजातियां इस प्रकार हैं

गेहूं की PBW 872 किस्म

गेहूं की यह किस्म दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। यह किस्म 152 दिनों के समयांतराल में पक जाती है। किसान गेहूं की PBW 872 किस्म से प्रति हेक्टेयर तकरीबन 75 क्विंटल तक उत्पादन हांसिल कर सकते हैं। गेहूं की इस किस्म में बायोफोर्टिफाइड गुण आयरन 42.3 पीपीएम, जिंक 40.7 पीपीएम विघमान रहते हैं।

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गेहूं की Pusa Ojaswi (HI 1650) किस्म

गेहूं की इस बायो फोर्टिफाइड किस्म में जिंक 42.7 पीपीएम उपलब्ध होते हैं। यह किस्म मप्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के हिस्सों के लिए उपयुक्त मानी जाती है। गेहूं की यह किस्म 117 दिनों के समयांतराल में पूरी तरह से पककर तैयार हो जाती है। किसान इस किस्म से तकरीबन 57 क्विंटल/हेक्टेयर तक उत्पादन अर्जित कर सकते हैं।

गेहूं की Karan Vrinda (DBW 371) किस्म

गेहूं की इस बायो फोर्टिफाइड किस्म करण वृंदा (DBW 371) किस्म में प्रोटीन 12.2%, आयरन 44.9 पीपीएम मौजूद होता है। यह किस्म दिल्ली, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों के लिए काफी उपयुक्त होती है। गेहूं की यह किस्म 150 दिन के समयांतराल में पककर तैयार हो जाती है। इसके साथ-साथ देश के किसान इससे तकरीबन 76 क्विंटल/हेक्टेयर उत्पादन हांसिल कर सकते हैं।

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गेहूं की Karan Varuna (DBW 372) किस्म

गेहूं की इस किस्म में प्रोटीन 12.2%, जिंक 40.8ppm विघमान रहता है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के किसानों के लिए यह अनुकूल है। गेहूं की यह बायो फोर्टिफाइड किस्म 151 दिन के समयांतराल में पूर्णतय पककर तैयार हो जाती है। किसान भाई इस किस्म से प्रति हेक्टेयर लगभग 75 क्विंटल तक उत्पादन हांसिल कर सकते हैं।

गेहूं की Unnat (HD 2967) (HD 3406) किस्म

गेहूं की यह उन्नत (एचडी 2967) (एचडी 3406) किस्म 146 दिनों के समयांतराल में पककर बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाती है। किसान इस किस्म से सुगमता से प्रति हेक्टेयर 55 क्विंटल तक उत्पादन हांसिल कर सकते हैं। बतादें, कि इस किस्म में प्रोटीन 12.25 प्रतिशत तक पाई जाती है।

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