मशरूम की ये टॉप पांच उन्नत किस्में बटन मशरूम, ऑयस्टर मशरूम, दूधिया मशरूम, पैडीस्ट्रा मशरूम एवं शिमेजी मशरूम प्रजाति कम खर्च में ज्यादा उत्पादन देने में सक्षम है।
मशरूम की खेती से कृषक कम समय में ज्यादा आमदनी हांसिल कर सकते हैं। यदि एक नजर से देखा जाए तो लोग मशरूम को काफी पसंद कर रहे हैं।बाजार के अंदर भी इसकी कीमत काफी ज्यादा होती है।
अब ऐसी स्थिति में यदि किसान अपने खेत में मशरूम की उन्नत प्रजातियों की खेती करते हैं, तो वह काफी मोटी आमदनी अर्जित कर सकते हैं।
इसी कड़ी में आज हम भारत के कृषकों को मशरूम की टॉप पांच उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कम लागत में ज्यादा उपज देने की क्षमता रखती है।
हम जिन मशरूम की उन्नत किस्मों की बात कर रहे हैं, वह बटन मशरूम,ऑयस्टर मशरूम, दूधिया मशरूम, पैडीस्ट्रा मशरूम और शिमेजी मशरूम है।
दरअसल, मशरूम की इन उन्नत किस्मों का उत्पादन करने के लिए कृषकों को मृदा की जरूरत नहीं होती है। दरअसल, आप इन्हें अन्य जगहों जैसे कि कंपोस्ट खाद, धान और गेहूं के भूसे और प्लास्टिक के बैग में भी सहजता से उगा सकते हैं।
मशरूम की इस प्रजाति को विशेष रूप पर कच्चा अथवा पकाकर खाया जाता है। इसका इस्तेमाल सलाद, सूप एवं पिज्जा आदि उत्पादों में किया जाता है। इस वजह से यह बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाली मशरूम हैं। इसके लिए 22-26 डिग्री सेल्सियस का तापमान की जरूरी होता है।
यह मशरूम 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में उत्पादित होती है। यदि देखा जाए तो यह 3 माह में पककर तैयार हो जाती है। ऑयस्टर मशरूम खाने में मीठी होती है। इसका आकार मखमली की तरह होता है।
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आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि यह मशरूम आकार में काफी बड़ी होती है। वहीं, स्वास्थ्य के लिए भी इसको बेहद अच्छा माना जाता है।
पैडीस्ट्रा मशरूम के लिए 28-35 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान होना चाहिए। इसकी सबसे बेहतरीन विशेषता यह है, कि यह काफी शीघ्रता से तैयार होकर बाजार में बिकने के लिए उपलब्ध हो जाती है।
मशरूम की शिमेजी किस्म समुद्र तट के मृत वृक्षों पर उगाई जाती हैं। लोगों के द्वारा मशरूम की इस किस्म को काफी ज्यादा पंसद किया जाता है। क्योंकि यह मशरूम पकने के उपरांत कुरकुरे की भांति स्वादिष्ट लगता है।