किसानों की मदद के लिए खुल गए हैं खास खिदमत केंद्र

By: MeriKheti
Published on: 07-Dec-2022

समय-समय पर किसानों की मदद के लिए भारत में केंद्र और राज्य सरकार काम करती रही है। प्राकृतिक आपदा से फसलें खराब होना और खाद, बीज आदि की सही परख ना होना जैसे समस्या किसानों के सामने आती रहती है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में किसानों के लिए खिदमत केंद्र का निर्माण किया गया है। यहां पर किसानों को सभी तरह की सुविधाएं एक ही जगह पर मिल जाएंगी।



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प्राकृतिक आपदाएं हमेशा ही किसानों के लिए एक समस्या बन कर सामने आई है। इस बार की फसल में भी किसानों को बाढ़, बारिश और सूखे के चलते खरीफ की फसल में काफी नुकसान हुआ है। एक ही सीजन में किसानों की लगभग पूरी फसल बर्बाद हो गई है। इस तरह से किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है। ऐसे में किसानों के पास केंद्र या राज्य सरकार से मदद मांगने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता है। किसानों ने गुहार लगाई और सरकार ने भी किसानों की मदद करने की पहल की है। केंद्र सरकार द्वारा एफपीओ (FPO) बनाए गए हैं, जो किसानों को आर्थिक मदद देने में काम आएंगे। इसके अलावा किसानों की मदद करने के लिए जम्मू और कश्मीर राज्य में भी कवायद शुरू की गई है। यहां पर किसानों के लिए खिदमत केंद्र बनाएं गए हैं।

2000 के करीब खिदमत सेंटर तैयार

जिला अधिकारियों को ये आदेश दिए गए हैं, कि जैसे ही किसान किसी समस्या को लेकर खिदमत केंद्र में आते हैं, तो जल्द से जल्द उसका निवारण किया जाना ज़रूरी है। यहां पर इस बात का खास ध्यान रखा गया है, कि किसानों को अपनी समस्या के हल के लिए ज्यादा समय इंतजार ना करना पड़े। ऐसे २००० सेंटर बन चुके हैं, जो किसानों की मदद कर रहे हैं।

किन समस्याओं का किया जाएगा निवारण

यहां किसानों को लोन संबंधी परेशानी, बीज संबंधी दिक्कत, आपदा में फसली नुकसान और अन्य तरह की दिक्कत होने पर लाभ किसानों को मिलेगा। यहां पर सरकार ने कोशिश की है, कि इन सभी समस्याओं का हल एक ही जगह निकाला जा सके। इसी के मकसद से किसान खिदमत केंद्रो की स्थापना की गई है। साथ ही जैसा कि नाम से जाहिर है, ये किसानों के हित में एक सम्मानजनक तरीका है। केंद्र सरकार की तरफ से भी देश में पीएम किसान समृद्धि केंद्र खोले गए हैं, यहां किसानों को अच्छी किस्म के बीज, खाद, उर्वरक, कीटनाशक, कृषि उपकरण और मिट्टी की जांच की सुविधा दी जा रही है। उत्तर प्रदेश में ऐसे 66 केंद्र कार्यरत हैं।

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