महाराष्ट्र में भारी बरसात की वजह से फसलें हुईं नष्ट, किसानों की बढ़ी परेशानी

Published on: 25-Sep-2022

इस साल महाराष्ट्र में बहुत ज्यादा बरसात हुई है, जिससे राज्य के किसानों को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार बरस रहे पानी की वजह से इन दिनों नदी नाले उफान पर हैं, जिससे किसान अपने खेतों में समय से नहीं पहुंच पा रहे हैं और फसलों में समय पर खाद देने का काम नहीं हो पा रहा। इसके साथ ही फसलों की निराई गुड़ाई में भी लगातार हो रही वर्षा की वजह से देरी हो रही है, जिससे खेतों खरपतवार की समस्या बढ़ती जा रही है। खेतों में पानी जमा होने के कारण फसलों के सड़ने का ख़तरा बढ़ गया है। इस समस्या से निजात पाने के लिए राज्य के राज्य के कृषक लगातार मेहनत कर रहे हैं ताकि अपनी खेती को इस आपदा से बचा पाएं। लेकिन इसके बावजूद कृषकों की चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य के धुले जिले में हुई बेहिसाब वर्षा के कारण कई फसलें अब भी पानी में डूबी हुई हैं, जिससे जिले के किसानों को फसलों के सड़ने की चिंता सता रही है। साथ ही बहुत सारे किसानों की कपास, मक्का, बजरी, मूंग, उड़द और मिर्च की फसलें पूरी तरह से नष्ट भी हो गईं हैं। निश्चित तौर पर इसका असर उत्पादन पर पडेगा। अगर इस तरह से चलता रहा तो इस साल खरीफ के उत्पादन में भारी कमी आ सकती है। ये भी पढ़े: किसानों के लिए खुशी की खबर, अब अरहर, मूंग व उड़द के बीजों पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी फसल सड़ने के अलावा खेती करने वाले लोग एक अन्य समस्या से जूझ रहे हैं। दरअसल खेत में जल जमाव के कारण फसल में पीलापन आ जाता है, जिससे उत्पादन प्रभावित हो रहा है। ज्यादा वर्षा के कारण धुले जिले में मिर्च की फसल पूरी तरह से सड़ चुकी है। एक के बाद एक फसल के सड़ने के बाद खेती करने वालों के लिए एक मुसीबत ख़ड़ी हो गई है, क्योंकि फसल सड़ने के बाद किसानों को लम्बा घाटा झेलना पड़ता है। कई बार उनके द्वारा खेत में डाला गया बीज भी वापस नहीं हो पाता। जुताई, बुवाई, खाद और मजदूरी का पैसा अतिरिक्त है, जो फसल सड़ने के कारण किसान को बिना किसी फायदे के वहन करना होता है। राज्य में अगर बरसात की बात करें तो कुछ फसलों को इससे फायदा भी हो रहा है, तो वहीं दूसरी ओर बहुत सारी फसलों को इससे घाटा हो रहा है। जिन फसलों में पानी की ज्यादा जरुरत होती है वो फसलें इस बरसात का जमकर लाभ उठा रही हैं और ऐसी फसलें अब भी खेतों में लहलहा रही हैं। ऐसी फसलों में बढ़िया उत्पादन होने की संभावना है, जिससे खेती करने वाले लोगों का घाटा कुछ हद तक बैलेंस हो सकता है। वहीं दूसरी ओर जिन कृषकों ने पानी वाली फ़सलों की बुवाई नहीं की है, उनके लिए इस तरह की बारिश एक बड़ा घाटा देकर जाएगी, जिससे किसान बेहद चिंतित हैं। ये भी पढ़े: हल्के मानसून ने खरीफ की फसलों का खेल बिगाड़ा, बुवाई में पिछड़ गईं फसलें राज्य में फिर से तेज बारिश का अंदेशा जताया जा रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस माह भी महाराष्ट्र में जमकर बरसात होने की संभावना है, जिससे किसानों की बची खुची फसल भी चौपट हो सकती है। लगातार हो रही बरसात के कारण खेती करने वाले लोग संकट महसूस कर रहे हैं। इसलिए किसानों ने सरकार से भीषण वर्षा के कारण फसलों को हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। इसको लेकर कई किसान समूह सरकार के सामने अपनी मांग रख रहे हैं ताकि कृषकों की खराब हुई फसल का मुआवजा मिल सके। फिलहाल राज्य में मुंबई के साथ ठाणे, पुणे, नासिक जिले में भारी बरसात हो रही है, जिससे चारों तरफ पानी ही पानी नज़र आ रहा है। इसके अतिरिक्त पालघर, नासिक, रायगढ़, रत्नागिरी जिलों में भी जमकर बरसात हुई है। भारी बरसात की संभावना को देखते हुए किसानों से सतर्क रहने की अपील की गई है। राज्य के किसान पानी से होने वाले नुकसान से बचने के लिए अपने खेतों में पानी को जमा होने से रोकें। इसके लिए वो खेत की मेड़ काटकर नाली बना सकते हैं, जिससे वर्षा का पानी खेत निकल जाए। इससे कड़ी फसल को सड़ने से रोका जा सकता है।

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