अधिक उपज देने वाली मक्का की उन्नत किस्में

Published on: 13-May-2025
Updated on: 14-May-2025
Ripe maize cob in field
फसल खाद्य फसल मक्का

मक्का एक बहुपयोगी फसल है जिसका उपयोग अनाज, पशु चारे और औद्योगिक कच्चे माल के रूप में होता है। मक्का का आटा, मक्के की रोटी और अन्य खाद्य उत्पादों में इसका विशेष महत्व है। 

इसकी अच्छी पैदावार के लिए उपयुक्त जलवायु और उपजाऊ मिट्टी जरूरी होती है। मक्का गर्म और अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह उगता है। 

साथ ही, सही किस्म का चयन भी बेहतर उत्पादन और मुनाफे के लिए आवश्यक है। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख उन्नत किस्मों के बारे में । 

मक्का की उन्नत किस्में  

भारत में मक्का की कई किस्में मौजूद है इन किस्में के फीचर्स निम्नलिखित दिए गए है -  

1. डी-941

यह किस्म खासतौर पर मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा तथा पंजाब के लिए विकसित की गई है।

  •  उपज: प्रति हेक्टेयर 40-45 क्विंटल
  •  विशेषताएं: नारंगी-पीले रंग के दाने, संकुलित किस्म
  •  पकने का समय: 80-85 दिन
  •  सिंचाई स्थिति: सिंचित व असिंचित दोनों क्षेत्रों के लिए उपयुक्त

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 2. पी.आर.ओ. 312

यह लंबी अवधि की संकर किस्म आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के लिए उपयुक्त है।

  •  उपज: 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  •  विशेषताएं: पीले नारंगी रंग के दाने, सिंचित क्षेत्र के लिए बेहतर
  •  पकने का समय: 100-110 दिन

 3. वाओ 9639

यह किस्म पूरे भारत में आसानी से उगाई जा सकती है और अच्छी पैदावार देती है।

  •  उपज: 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  •  विशेषताएं: मध्यम अवधि की किस्म, केवल सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त
  •  पकने का समय: 85-95 दिन

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 4. गंगा 5

मक्का की यह किस्म बेहद लोकप्रिय और उत्पादक है।

  •  उपज: 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  •  विशेषताएं: मजबूत पौधे, शंकु आकार के भुट्टे, पीले दाने
  •  पकने का समय: 90-95 दिन
  •  क्षेत्र: मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा
  •  सिंचाई: कम वर्षा (लगभग 30 इंच) वाले असिंचित क्षेत्रों के लिए भी उपयुक्त

 5. जवाहर मक्का 216

यह किस्म रबी और खरीफ दोनों मौसमों के लिए उपयुक्त है।

  •  उपज: 50-55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  •  विशेषताएं: पीले या नारंगी रंग के दाने, हेलियोथोस्पोरियम पत्ती धब्बा रोग के प्रति सहनशील
  •  पकने का समय: 90-95 दिन
  •  क्षेत्र: विशेष रूप से मध्य प्रदेश के लिए विकसित