बोनसाई के पेड़ उगा सौमिक दास बने लखपति वातावरण शुद्धि में भी किया योगदान

Published on: 27-Oct-2022

सौमिक दास (Saumik Das) ने बोनसाई(Bonsai) एवं पेनजिंग(Penjing) के पेड़ उगाकर वातावरण को प्रदुषण और गर्मी से बचाने की सराहनीय पहल शुरू की है। आज वह ३० लाख तक पौधे उगाकर लाखों की आय कर रहे हैं, साथ ही पेंजिंग और बोंजाई की खेती का ३०० से अधिक लोगों को "ग्रो ग्रीन बोनसाई फार्म" (Grow Green Bonsai Farm) के तहत प्रशिक्षण दे उनकी आय का स्त्रोत बनाया है।

दिल्ली का प्रदुषण चरम सीमा पर रहता है, क्योंकि वहां गाँव की अपेक्षा में पेड़ों की संख्या बेहद कम है। इसलिए दिल्ली में प्रदुषण एवं गर्मी देहात से अधिक होती है, इन सब समस्याओं को देखते हुए सौमिक दास ने अपने ही घर में बोन्साई पेनजिंग (Bonsai Penjing) के हजारों पेड़ उगाकर कीर्तिमान स्थापित किया है। उनके पेड़ों की बिक्री ३५ लाख रुपये तक की सीमा तक पंहुच चुकी है, जिसमे उन्होंने खुद के घर में २००० के करीब बोनसाई और पेंजिंग के पेड़ उगा रखे हैं। बतादें की बोनसाई के वृक्ष तापमान को १० डिग्री तक कम कर देते हैं, एवं वातावरण को शुद्ध रखने में काफी मददगार साबित होते हैं। पेड़ पौधे ऑक्सीजन के मुख्य स्त्रोत होते हैं, जो कार्बन डाई ऑक्साइड को खुद संचय करके हमको प्राणवायु देते हैं, इसलिए जनजीवन को स्वस्थ्य बनाने के लिए वृक्षारोपण अधिक मात्रा में करना एवं पेड़ पौधों का संरक्षण करना बेहद आवश्यक है।



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सौमिक दास को कैसे बोनसाई के पेड़ों को लगाने का विचार आया ?

बोनसाई का पेड़ घरों की शोभा बढ़ाता है, जिसको विदेशों में ज्यादातर लोग अपने घरों के अंदर लगाते हैं। सौमिक दास ने बोनजाई के पेड़ को सर्वप्रथम दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम(Talkatora Indoor Stadium) में एक मैच के दौरान देखा था। बोनजाई के पेड़ ने सौमिक दास को बहुत आकर्षित किया जिससे प्रभावित होकर सौमिक दास ने बोनजाई के पेड़ों को उगाकर तैयार करना शुरू कर दिया। जिसके लिए सौमिक दास ने पेंजिंग विधि की जानकारी विदेश से ली, क्योंकि बोंजाई के पेड़ों का प्रचलन हिंदुस्तान में उपलब्ध नहीं था। बोंजाई के पेड़ का जीवनकाल लगभग ५०० साल तक होता है, साथ ही इसको तैयार करने में काफी समय लगता है। बोंजाई के पेड़ को लगाकर वातावरण शुद्ध एवं ठंडा रख सकते हैं।

बोनजाई के पेड़ की क्या विशेषता है ?

बोनजाई का पेड़ वातावरण को शीतल बनाने और शुद्ध रखने में बेहद सहायक होता है। इसकी शुरुआत जापान से हुई है, जिसकी सुरक्षा पॉलीहाउस के माध्यम से की जाती है। इसके लिए किसी भी अन्य उर्वरक या कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया जाता, लेकिन यह तैयार होने में काफी समय लगाता है। बोनजाई के पेड़ की कीमत ७०० से लेकर ढ़ाई लाख तक होती है। कई देशों में इसको गुडलक ट्री(Good Luck Tree) भी बोलते हैं। बोनजाई का पेड़ न केवल वातावरण को अच्छा बनाता है, बल्कि घरों के सौंदर्यीकरण में भी इसकी अहम भूमिका होती है। लोग अपने घरों को सजाने के लिए भी बोनसाई के पेड़ों को लगाते हैं।

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