जून में उगाई जाने वाली फसलों की मुनाफादायक किस्में

Published on: 09-Jun-2025
Updated on: 09-Jun-2025
Maize field with intercropped vegetables like okra, brinjal, cucumber, and bitter gourd
फसल खाद्य फसल

किसानों को अच्छी उपज हांसिल करने के लिए फसल की चयन और समय को ध्यान में रखना चाहिए। फसल को समय पर खाद, पानी और कटाई भी अच्छी उपज के लिए आवश्यक है। 

किसानों की सुविधाओं को मद्देनजर रखते हुए आज हम मेरीखेती के जरिए से जून माह में बोई जाने वाली फसलों की उन्नत किस्मों के विषय में जानकारी प्रदान कर रहे हैं। 

धान की इन किस्मों का करें उत्पादन 

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, धान की स्वर्णा, पंत-10, सरजू-52, नरेन्द्र-359, जबकि टा.-3, पूसा बासमती-1, हरियाणा बासमती सुगंधित तथा पंत संकर धान-1 व नरेन्द्र संकर धान-2 प्रमुख उन्नत संकर किस्में हैं।  

धान की किस्मों की बीज दर 

धान की महीन किस्मों की प्रति हेक्टेयर बीज दर 30 किग्रा, मध्यम के लिए 35 किग्रा, मोटे धान हेतु 40 किग्रा तथा ऊसर भूमि के लिए 60 किग्रा पर्याप्त होता है, जबकि संकर किस्मों के लिए प्रति हेक्टेयर 20 किग्रा बीज की आवश्यकता होती है।

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मक्का इन किस्मों की करें बुवाई 

अगर आप मक्का की बुवाई करना चाहते हैं, तो आपको इसकी बुवाई 25 जून तक संपन्न कर लेनी चाहिए। अगर सिंचाई की सुविधा हो तो इसकी बुवाई का कार्य 15 जून तक भी पूरा किया जा सकता है। 

मक्का की उन्नत किस्मों में शक्तिमान-1, एच.क्यू.पी.एम.-1, संकुल मक्का की तरुण, नवीन, कंचन, श्वेता तथा जौनपुरी सफेद व मेरठ पीली देशी प्रजातियां काफी अच्छी मानी जाती हैं। 

जून में अरहर की इन किस्मों की करें बुवाई

किसान बेहतर जल व्यवस्था होने पर अरहर की उन्नत किस्म प्रभात व यू.पी.ए.एस.-120 शीघ्र पकने वाली तथा बहार, नरेंद्र अरहर-1 व मालवीय अरहर-15 किस्मों की बुवाई कर सकते हैं। 

अरहर की बुवाई के लिए प्रति हैक्टेयर क्षेत्र के लिए 12-15 किग्रा बीज पर्याप्त होता है। अरहर के बीजों को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करने के बाद ही बोना चाहिए। 

पशु चारे की इन फसलों की करें खेती 

पशुओं के लिए हरे चारे की कमी को पूरा करने के लिए इस माह आप ज्वार, लोबिया और चरी जैसी चारे वाली फसलों की बुवाई कर सकते हैं। बारिश न होने की दशा में पलेवा देकर बुवाई की जा सकती है। 

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जून माह में करें इन सब्जियों की खेती

जून के महीने में आप बैंगन, मिर्च और अगेती फूलगोभी की पौध लगा सकते हैं। भिंडी की बुवाई का भी यह काफी अनुकूल समय है। इसके अतिरिक्त लौकी, खीरा, चिकनी तोरी, आरा तोरी, करेला और टिंडा की बुवाई भी इस महीने की जा सकती है। 

भिंडी की उन्नत किस्मों में परभनी क्रांति, आजाद भिंडी, अर्का अनामिका, वर्षा, उपहार, वी.आरओ.- 5, वी.आर.ओ.-6 व आई.आई.वी.आर.-10 भिंडी की शानदार किस्में मानी जाती हैं।  



प्रश्न : कृषि वैज्ञानिक फसलों की किस्मों के चयन पर अधिक जोर क्यों देते हैं ?  

उत्तर : किसी भी फसल की किस्म का फसल के विकास, उपज और मूल्य पर सीधा प्रभाव होता है। इसलिए कृषि वैज्ञानिक हमेशा किसानों को अच्छी और अपने क्षेत्र की मृदा व जलवायु के अनुरूप किस्म का चयन करने पर जोर देते हैं।

प्रश्न : जून में सब्जी की कौन-सी किस्मों की खेती की जाती है ?

उत्तर : जून में किसान बैंगन, मिर्च, अगेती फूलगोभी की पौध लगा सकते हैं और लौकी, खीरा, चिकनी तोरी, आरा तोरी, करेला व टिंडा की भी बुवाई कर सकते हैं। 

प्रश्न : जून में धान की किन किस्मों की बुवाई करें ?

उत्तर : धान की मध्यम और विलंभ से पकने वाली प्रजातियां काफी अच्छी मानी गई हैं। इसमें धान की स्वर्णा, पंत-10, सरजू-52, नरेन्द्र-359, जबकि टा.-3, पूसा बासमती-1, हरियाणा बासमती सुगंधित तथा पंत संकर धान-1 व नरेन्द्र संकर धान-2 प्रमुख उन्नत संकर किस्में हैं।