मानसून की धीमी रफ्तार और अलनीनो बढ़ा रहा किसानों की समस्या

By: MeriKheti
Published on: 22-Jun-2023

आपकी जानकरी के लिए बतादें, कि विगत 8 जून को केरल में मानसून ने दस्तक दी थी। इसके उपरांत मानसून काफी धीमी गति से चल रही है। समस्त राज्यों में मानसून विलंभ से पहुंच रहा है। केरल में मानसून के आने के पश्चात भी फिलहाल बारिश औसत से कम हो रही है। साथ ही, मानसून काफी धीरे-धीरे अन्य राज्यों की ओर बढ़ रही है। पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत बहुत से राज्यों में लोग बारिश के लिए तरस रहे हैं। हालांकि, बिहार एवं झारखंड में मानसून की दस्तक के उपरांत भी प्रचंड गर्मी पड़ रही है। लोगों का लू एवं तेज धूप से हाल बेहाल हो चुका है। यहां तक कि सिंचाई की पर्याप्त उपलब्धता में गर्मी की वजह से फसलें सूख रही हैं। ऐसी स्थिति में किसानों के मध्य अलनीनो का खतरा एक बार पुनः बढ़ चुका है। साथ ही, जानकारों ने बताया है, कि यदि मौसम इसी प्रकार से बेईमान रहा तो, इसका असर महंगाई पर भी देखने को मिल सकता है, जिससे खाद्य उत्पाद काफी महंगे हो जाऐंगे।

अलनीनो की वजह से महंगाई में बढ़ोत्तरी हो सकती है

मीडिया खबरों के अनुसार, अलनीनो के कारण भारत में खुदरा महंगाई 0.5 से 0.6 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। मुख्य बात यह है, कि अलनीनो की वजह से आटा, गेहूं, मक्का, दाल और चावल समेत खाने-पीने के समस्त उत्पाद भी महंगे हो जाऐंगे। साथ ही, अलनीनो का प्रभाव हरी सब्जियों के ऊपर भी देखने को मिल सकता है। इससे शिमला मिर्च, खीरा, टमाटर और लौकी समेत बाकी हरी सब्जियों की कीमतों में काफी इजाफा हो जाऐगा।

मानसून काफी आहिस्ते-आहिस्ते चल रहा है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि केरल में 8 जून को मानसून का आगमन हुआ था। जिसके बाद मानसून काफी आहिस्ते-आहिस्ते चल रही है। यह समस्त राज्यों में विलंब से पहुँच रहा है। विशेष बात यह है, कि मानसून के आगमन के उपरांत भी अब तक बिहार समेत विभिन्न राज्यों में वर्षा समान्य से भी कम दर्ज की गई है। अब ऐसी स्थिति में सामान्य से कम बारिश होने से खरीफ फसलों की बिजाई पर प्रभाव पड़ सकता है। अगर मानसून के अंतर्गत समुचित गति नहीं आई, तो देश में महंगाई में इजाफा हो सकता है। यह भी पढ़ें: मानसून के शुरुआती जुलाई महीने में किसान भाई क्या करें

2023-24 में इतने प्रतिशत महंगाई होने की संभावना

भारत में अब तक बारिश सामान्य से 53% प्रतिशत कम दर्ज की गई है। सामान्य तौर पर जुलाई माह से हरी सब्जियां महंगी हो जाती हैं। साथ ही, ब्रोकरेज फर्म ने फाइनेंसियल ईयर 2023-24 में महंगाई 5.2 प्रतिशत रहने का अंदाजा लगाया है। उधर रिजर्व बैंक ने कहा है, कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई 5 प्रतिशत अथवा उससे कम भी हो सकती है।

चीनी की पैदावार में इस बार गिरावट देखने को मिली है

बतादें, कि भारत में सामन्यतः चीनी की पैदावार में विगत वर्ष की अपेक्षा कमी दर्ज की गई है। साथ ही, चावल की हालत भी ठीक नहीं है। इस्मा के अनुसार, चीनी की पैदावार 3.40 करोड़ टन से घटकर 3.28 करोड़ टन पर पहुंच चुकी है। साथ ही, यदि हम चावल की बात करें तो अलनीनो के कारण इसका क्षेत्रफल इस बार सिकुड़ सकता है। वर्षा कम होने के चलते किसान धान की बुवाई कम कर पाऐंगे, क्योंकि धान की फसल को काफी ज्यादा जल की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में धान की पैदावार में गिरावट आने से चावल महंगे हो जाएंगे, जिसका प्रभाव थोक एवं खुदरा बाजार में देखने को मिल सकता है।

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