किसान भाई बेल की इन प्रजातियों को उगाकर सूखे में भी मुनाफा कमा सकते हैं

By: MeriKheti
Published on: 20-Aug-2023

अगर आप सूखे वाले स्थान पर रहते हैं और साथ ही आप अपनी फसल से अच्छा उत्पादन नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं, तो आपके लिए बेल की बागवानी सबसे अच्छा विकल्प मानी जाती है। इसके लिए आज हम आपको नीचे दी गई किस्मों को अपने बगीचे में लगा सकते हैं। यह सभी किस्म वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार की गई बेहतरीन किस्म हैं।

बेल की बागवानी कृषकों के लिए सबसे अच्छी है

बागवानी करने वाले किसान भाइयों के लिए बेल की बागवानी (Wood Apple Gardening) सबसे बेहतर होती है। दरअसल यह हर एक तरह की परिस्थिति में अपना विकास करने में सक्षम हैं. इसके लिए किसान को अधिक मेहनत करने की कोई खास जरूरत नहीं होती है। अगर आप कम पानी वाले स्थान पर रहे रहे हैं, तो आपने यहां के ज्यादातर किसानों को बेल की खेती करते हुए देखा होगा। क्योंकि यह कम जल में भी अच्छा उत्पादन देती है। तो आइए आज हम अपने इस लेख में सूखे वाले स्थान पर बेल की बागवानी कैसे करें इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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बेल की लगभग सभी प्रजातियों को एक ही जगह पर आसानी से उगा सकते हैं

वैसे देखा जाए तो बेल की तकरीबन सभी किस्मों को किसान एक एक क्षेत्र में सहजता से उगा सकते हैं। परंतु, अगर आप सूखे वाली जगह पर रहते हैं और बेल की बागवानी से अच्छा खासा उत्पादन अर्जित करना चाहते हैं, तो आपको अपने खेत और बगीचे में इन किस्मों का चयन करना चाहिए। जिनके नाम कुछ इस प्रकार से हैं। थार नीलकंठ, गोमायशी और थार दिव्य जैसी बेहतरीन किस्मों को अपने घर लगा सकते हैं। यह सभी किस्म केंद्रीय बागवानी परीक्षण केंद्र वेजलपुर गुजरात में तैयार की गई हैं।

बेल की फसल के रोपण के दौरान आवश्यक काम

बेल की फसल से अच्छा फल प्राप्त करने के लिए किसानों को इसकी रोपण से लगाकर बाकी बहुत सारी जानकारियों पर ध्यान रखना होता है। बतादें, कि 2 माह पूर्व ही 1 घन मी. आकार के गड्ढेखोद कर खुला छोड़ दें। इसमें आपको न्यूनतम 3-4 टोकरी सड़ी हुई गोबर खाद और मिथाइल पैराथियान इत्यादि को डालना चाहिए। उसके बाद आपको खेत की बेहतर ढ़ंग से सिंचाई करनी है। ऐसा करने के 1 माह पश्चात आपको पौधा का रोपण करना है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बेल की रोपाई जुलाई-अगस्त माह में की जाती है और वहीं सिंचाई सुविधा होने पर फरवरी-मार्च के महीने में भी किसान रोपण कर सकते हैं।

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